पवई: उत्तम मार्दव धर्म अर्थात मृदुलता विनम्रता मोक्ष का द्वार है: गणांचार्य विरागसागर जी महाराज

उत्तम मार्दव धर्म अर्थात मृदुलता विनम्रता मोक्ष का द्वार है: गणांचार्य विरागसागर जी महाराज

डिजिटल डेस्क, पवई नि.प्र.। पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व दस लक्षण धर्म के अवसर पर पन्ना जिले का एक मात्र दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्रेयांशगिरी में भाद्र शुक्ल पक्ष चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी दिनांक 19 सितंबर से 28 सितंबर 2023 तक प्रतिदिन प्रात: 6:15 बजे से अभिषेक शांतिधारा देवदर्शन जिनेंद्र भगवान की पूजन और क्रमश: उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम सत्य, उत्तम शौंच, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिंचन, उत्तम ब्रह्मचर्य, धर्म की सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पूजा और व्याख्यान एवं तत्वार्थ सूत्र के दस अध्याय की प्रतिदिन पूजा एवं अर्घ चढ़ाए जाते हैं और अर्थ के सहित पूज्य संतों के द्वारा तत्वार्थ सूत्र का वाचन कराया जाता है। पर्युषण पर्व के दूसरे दिन पूज्य गणाचार्य 108 श्री विराग सागर जी महाराज ने प्रवचन में बताया कि उत्तम मार्दव धर्म, मान, कषाय अहंकार का विरोधी है किंतु अभिमान मनुष्य गति की पृष्ठभूमि है क्योंकि क्रोध की अपेक्षा मान, कषाय, अहंकार का वेग मनुष्यों में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है। उन्होंने कहा कि जैसे नींबू की एक बूंद हजारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है उसी प्रकार मनुष्य का अहंकार भी अच्छे से अच्छे संबंधों और अर्जित धन संपदा एवं सम्मान को बर्बाद कर देता है। अभिमान के कारण ही उसे नरक जैसी दुर्गति में जाना पड़ता है। अत: हम ऐसे अभिमान को छोड़ मार्दव धर्म अर्थात मृदुलता विनय को धारण करें।

Created On :   22 Sept 2023 3:47 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story