पन्ना: ललार गांव में मौजूद हैं हजारों वर्ष पुरानी पुरातत्विक मूर्तियां

ललार गांव में मौजूद हैं हजारों वर्ष पुरानी पुरातत्विक मूर्तियां
  • पन्ना के टाइगर रिजर्व के बीचोंबीच स्थित ललरा गांव
  • ललार गांव में मौजूद हैं हजारों वर्ष पुरानी पुरातत्विक मूर्तियां

डिजिटल डेस्क,पन्ना। पन्ना के टाइगर रिजर्व के बीचोंबीच स्थित ललरा गांव के एक चबूतरे में हजारों वर्ष पुरानी कलाकृतियों की मूर्तियां लगीं हुईं हैं। देवी-देवताओं की आकृति बनीं हुई मूर्तियां स्थानीय भगवान शिव के मंदिर के चबूतरे के चारों ओर लगी हुईं हैं जिन्हें दसवीं शाताब्दी का बताया जा रहा है। वहीं इन मूर्तियों की जांच-पडताल बारीकी से की जाये तो ललार गांव का हजारों वर्ष पुराना छिपा राज खुल सकता है। दरअसल पन्ना के टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत बीच जंगल में ललार गांव बसा हुआ है। इस गांव में आदिवासी समाज के लोग ज्यादातर निवास करते हैं। गांव में प्राचीन बावडी मौजूद थी जिसकी कुछ साल पहले खुदाई की गई थी यहां पर मिलीं मूर्तियां मंदिर के चबूतरे के चारों ओर लगा दी गईं थीं लेकिन इन मूर्तियों की पुरातत्व विभाग ने अभी तक कोई जांच-पडताल नहीं की। वहीं गांव के निवासी जाहर सिंह ने बताया कि प्राचीन ऐतिहासिक बावडियों में अभी भी मूर्तियां लगीं हुईं हैं। जब बावडी गर्मियों के दिनों में सूखती हैं तब उसमें लगी मूर्तियां दिखलाई देने लगती हैं। इस प्राचीन बावडी में नीचे तक जाने के लिए सीढियां भी बनीं हुईं हैं जहां विभिन्न कलाओं से निर्मित हजारों वर्ष पुरानी मूर्तियां हैं जो दसवीं शाताब्दी की प्रतीत होती हैं।

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कराया जायेगा सर्वे

पन्ना जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संघ प्रिय को जब मूर्तियों की ऐतिहासिक विषय के बारें में जानकारी दी गई तो उन्होंने बताया कि निश्चित ही आर्कियोलिजिस्ट विभाग से इन मूर्तियों का सर्वे कराकर इतिहास जाना जायेगा। पूर्व में भी चौमुखा मंदिर में ऐतिहासिक मूर्तियां खुदाई में मिली हैं। इसी तरह ग्राम ललार में आर्कियोलॉजिस्ट विभाग को पत्र लिखकर सर्वे कराया जायेगा।

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Created On :   17 Jun 2024 7:24 AM GMT

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