बंद पड़ी हीरा खदानों को चालू कराने को लेकर होगा आंदोलन

बंद पड़ी हीरा खदानों को चालू कराने को लेकर होगा आंदोलन

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले में मिलने वाला हीरा बडी संख्या में मजदूरों के लिए रोजगार का माध्यम रहा है। इसके साथ ही साथ हीरा खदानों से बडी संख्या में हीरा के व्यवसाय से जुडे जिले के व्यवसाईयों की निर्भरता है परंतु जिले में सरकारी भूमि पर जो हीरा खदान के क्षेत्र थे वह बडी संख्या में बंद हो चुके हैं। जिले में बडी संख्या में एक समय शासकीय क्षेत्र में हीरा खदानें संचालित होती थीं। जो कि वन विभाग द्वारा शुरू किए गए विवाद की वजह से बंद हो चुकीं हैं। अब हीरा खदानों के संचालन के लिए नाम मात्र के क्षेत्र पर हीरा खदान संचालन के लिए पट्टे मिल रहे हैं। इसके साथ ही साथ बीते साल के दौरान निजी भूमि में हीरा खदानों के संचालन को लेकर वन विभाग की एनओसी की अनिवार्यता की गई है उसके चलते निजी भूमि में जो हीरा खदानें संचालित होती थीं वह कार्य बडी मात्रा में प्रभावित हो गया है और इसके चलते हीरे के लिए मशहूर पन्ना में जो हीरा खदानों पर काम करने वाले मजदूर हीरा खदान संचालित करने वाले तुआदार और हीरा व्यापारियो का रोजगार छिन गया है। उक्त मामलो को लेकर पन्ना शहर के निजी होटल में भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा के सचिव संजय सिंह राजपूत की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई तथा निर्णय लिया गया कि जिन क्षेत्रों में हीरा खदाने बंद हो गई है उन क्षेत्र में उथली हीरा खदाने पुन:संचालित हो इसके लिए सामाजिक कार्यकर्ता लोगो के साथ मिलकर आंदोलन करेगें।

आयोजित बैठक में इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार ने बताया की हीरा खदानों की वजह से पन्ना जिले को विश्व स्तर पर पहचान मिली है और हीरा खदान बंद होने से पन्ना की पहचान और शान संकट में हैं। दो साल से भी अधिक समय से एनएमडीसी हीरा खदान बंद हैं। उथली हीरा खदानें कृष्णा कल्याणपुर, पटी, महुआटोला, हीरापुर, टपरियन और सकरिया, चौपडा को भी बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही साथ निज भूमि में हीरा खदान संचालन के लिए वन विभाग से एनओसी लिए जाने का नया नियम बना दिया गया है। इसके चलते निजी भूमि में संचालित होने वाली हीरा खदानों की संख्या तुलनात्मक रूप से काफी कम हो चुकी है। जिले के मजदूर खदानों के बंद हो जाने से पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं। ऐसे में व्यापक हित और पन्ना की पहचान को कायम करने के लिए सभी एकजुट होकर आंदोलन करें ताकि हीरा खदानों के संचालन को लेकर जो समस्यायें खडी हुईं हैं उनका त्वरित रूप से समाधान हो। आयोजित बैठक में सुरेश सौरव, शेख अंजाम, प्रकाश पाठक, सत्यम पाण्डेय, दिनेश दुबे, सूरज यादव, रमेश विश्वकर्मा, अवधेश पटेल, नंदकिशोर अहिरवार, विनोद विश्वकर्मा, सुनीलाल प्रजापति सहित काफी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता एवं गणमान्य नागरिक शामिल रहे।

Created On :   2 Aug 2023 12:46 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story