बिजवारा का हाल: माध्यमिक शाला पाली तक नहीं हैं पहुंच मार्ग, नाला पार कर जाते हैं स्कूली बच्चे

माध्यमिक शाला पाली तक नहीं हैं पहुंच मार्ग, नाला पार कर जाते हैं स्कूली बच्चे
  • माध्यमिक शाला पाली तक नहीं हैं पहुंच मार्ग
  • नाला पार कर जाते हैं स्कूली बच्चे

डिजिटल डेस्क, पन्ना। सरकार जहां एक ओर शिक्षा के स्तर को सुधारने नित-नये प्रयास कर रही है और अब ग्रामीण अंचलों में भी शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है परंतु कुछ जगह ऐसी हैं जहां विद्यालय के बच्चों को शिक्षा पाने रोज समस्याओं से जूझना पड रहा है ऐसा ही मामला है जनपद पंचायत पन्ना के बृजपुर क्षेत्र स्थित रहुनिया ग्राम पंचायत के बिजवारा में विद्यालय नहीं हैं। जिससे कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के सभी बच्चों को एक किलोमीटर दूर माध्यमिक शाला पाली अध्ययन के लिए जाना पडता है किंतु गांव के बच्चों को अपने स्कूल तक पहुंचने के लिए जंगल स्थित खेतों से होकर गांव से विद्यालय जाना और वापिस लौटना पडता है। इस समस्या को इस समाचार पत्र द्वारा आज से एक वर्ष पूर्व इसी मानसून के मौसम में प्रमुखता के साथ उठाया गया था परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ।

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बच्चों के लिए सबसे बड़ी समस्या उनके स्कूल जाने पर मार्ग में पडऩे वाला नाला है जब बारिश होती है तो बच्चों के लिए स्कूल पहुंचने का रास्ता ही बंद हो जाता है। नाले में पुलिया का निर्माण नहीं हुआ है इसके चलते बच्चों को नाले से बहने वाले पानी को पार कर गुजरना पडता है। जनवरी माह तक घुटनों तक पानी बहता है और बच्चे जब नाला को पार करते हैं तो पानी में गीले होने से बचने के लिए वह अपनी यूनिफार्म उतारकर नाले को पार करते हैं और पार करने के बाद फिर यूनिफार्म को पहनते हैं। गांव के छात्रों को इस तरह की स्थिति का सामना विद्यालय जाने के लिए हर दिन समस्या का सामना करना पड़ता है। बच्चों के अभिभावक नहीं बल्कि स्कूल के शिक्षक भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं।

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समस्या को कई बार उठाया गया लेकिन नतीजा कुछ नहीं

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों से बात रखी गई है किन्तु कोई सुनने वाला नहीं है। जहां स्कूल वहां बच्चों की संख्या नाममात्र पाली ग्राम में प्राथमिक शाला एवं नाला पार कर विद्यालय जाते हुए शिक्षक व छात्र माध्यमिक शाला एक साथ खुली हुई है। जहां कक्षा एक से आठवीं तक कुल ३९ बच्चे स्कूल में दर्ज है। जिन्हें आवाजाही के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। बारिश में स्थिति यह होती है कि 15-15 दिन तक नाला होने की वजह से रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है और विद्यालय में दो-चार बच्चे ही दिखाई देते है। बारिश होने पर जब नाला में उफान आ जाता है तो शिक्षक अपने घर वापिस नहीं जा पाते है। बारिश के अंदेशे के साथ ही स्कूल की छुट्टी समय से पहले हो जाती है।

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Created On :   26 Aug 2024 1:53 PM IST

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