दो विद्यालयों की जमीन को कृषि कार्य हेतु दिया गया ठेके पर

दो विद्यालयों की जमीन को कृषि कार्य हेतु दिया गया ठेके पर

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले के रैपुरा संकुल अंतर्गत आने वाले दो विद्यालयों के लिए आरक्षित भूमि को खेती के लिए ठेके पर दिया गया है। जी हां यह सुनने में भले ही अटपटा लगे परंतु यह मामला है रैपुरा संकुल अंतर्गत आने वाले शासकीय उच्च माध्यमिक संस्कृत शाला की लगभग डेढ एकड जमीन व शासकीय माध्यमिक शाला भरवारा की लगभग पांच एकड जमीन जिसे स्कूल प्रबंधन द्वारा बोली लगाकर नीलाम कर दिया गया। दरअसल मामला यह है कि दोनों विद्यालयों के पास खेती योग्य भूमि है जिसे कृषकों को खेती के लिए ठेके पर दिया जाता है। जिसके एवज में किसानों द्वारा स्कूलों को वार्षिक राशि दी जाती रही है। गुरुवार को सुबह शासकीय उच्च माध्यमिक संस्कृत शाला में संकुल प्राचार्य एवं शाला के प्रभारी प्राचार्य की उपस्थिति में इन जमीनों की ठेके पर कृषि कार्य हेतु नीलामी की गई। जिसमें उपस्थित कृषक संतोष लोधी पिता विशाल लोधी ने 32000 रुपए वार्षिक मूल्य पर यह नीलामी बोली लगाकर एक वर्ष हेतु दोनों फसलों के लिए ले ली गई।

पड़ताल करने पर जब पिछले वर्षो में हुए आय-व्यय का ब्यौरा देखा गया तो संदेहास्पद तथ्य सामने आए हैं। संकुल प्राचार्य बालचंद लोधी से बात करने पर उन्होंने बताया कि मैंने जनवरी से संकुल प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया है तब उनके संज्ञान में यह मामला आया। जिस पर दोनों स्कूलों के प्रभारी प्राचार्य को नोटिस जारी कर पिछले वर्षो में हुई नीलामी से आय का ब्यौरा सात दिवस में मांगा गया था परंतु सात दिवस बाद भी अभी तक जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई। इसके बाद दिनांक ०6 जुलाई 2023 को शासकीय उच्च माध्यमिक संस्कृत शाला में नीलामी की प्रक्रिया की गई। संकुल प्राचार्य बताते हैं कि यह कृषि योग्य भूमि है। पिछले कई वर्षों से स्कूल में बच्चों की संख्या न होने की वजह से उसे बंद कर दिया। इस जमीन की ठेके पर खेती के लिए कब नीलामी हुई और कितने रूपए मूल्य में नीलामी की गई तथा आय-व्यय का ब्यौरा भी उपलब्ध नहीं है। इसके लिए एक सप्ताह पूर्व प्रभारी के रूप में पदस्थ प्राचार्य से इसका हिसाब मांगा गया परंतु उन्होंने आज तक इसे प्रस्तुत नहीं किया है। वर्तमान संकुल प्राचार्य बताते हैं कि इस बार मैंने अपनी मौजूदगी में कृषि योग्य भूमि की नीलामी कराई है जिसे दो फसलों के लिए 32000 रुपए में किसान को दिया गया है। पिछले वर्षो में आधिकारिक तौर पर नीलामी की जानकारी एवं आय-व्यय के सवाल पर प्राचार्य ने कहा की इसकी जानकारी उन्हें नहीं है कि नीलामी आधिकारिक तौर पर हुई या नहीं परंतु स्कूल बंद होने से पिछले कई वर्षो से स्कूल का बैंक खाता भी बंद है। उससे होने वाली आय व्यय के ब्यौरा का अभी तक उन्हें पता नहीं चल सका है।

बिल्डिंग जर्जर, क्लासरूम में गौशाला व जमीन पर अतिक्रमण

संस्कृत शाला पहुंचने पर देखा तो वहां के हालात काफी बदतर हैं। दो कमरों के विद्यालय में एक कमरे का गेट टूटा हुआ था एवं उसे लोगों ने गौशाला बना दिया था। बिल्डिंग में बड़ी-बड़ी दरारें बता रहीं थी कि बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है। स्कूल के चारों तरफ की जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। संकुल प्राचार्य ने इस मामले में कहा कि जैसे ही सीमांकन के लिए तहसील में आवेदन शुरू हो जाएंगे हम जमीन का सीमांकन कराकर इससे अतिक्रमण को हटवायेंगे।

इनका कहना है

मैं पिछले कई वर्षो से जमीन को कृषि कार्य हेतु ठेके पर ले रहा हूं प्रत्येक वर्ष मैंने संस्कृत स्कूल के प्रभारी प्राचार्य को जमीन का रूपया देते आया हूं। इस वर्ष भी मैंने 32000 रुपए में नीलामी के माध्यम से जमीन ली है।

संतोष लोधी

बोलीदार कृषक रैपुरा

Created On :   8 July 2023 10:51 AM IST

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