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पन्ना: एक करोड़ की लागत से बनीं स्कूल बिल्डिंग की हालत दयनीय
- एक करोड़ की लागत से बनीं स्कूल बिल्डिंग की हालत दयनीय
- दीवारों में दरारें, कईं जगह से होता है पानी का रिसाव
- एक वर्ष भी नहीं हुआ टूटा फर्श व दरवाजे
डिजिटल डेस्क, पन्ना। शिक्षा का मंदिर बनाने पर ठेकेदार द्वारा व्यापक पैमाने पर गडबडी व लापरवाहियां की हैं तभी तो एक वर्ष भी नहीं हुआ और उसकी हालत दयनीय हो चुकी है। जिले के पवई विकासखण्ड के ग्राम टांई में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग पीआईयू द्वारा ठेकेदार के माध्यम से एक करोड रूपए की लागत से किया गया था। जिसका हस्तांतरण विभाग के द्वारा जुलाई २०२३ में शिक्षा विभाग को कर दिया गया है। जहां पर स्कूल का संचालन भी किया जाने लगा है लेकिन इस नवनर्मित भवन की स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है। कक्षाओं में बरसात के दिनों में पानी का रिसाव होने के चलते छात्र-छात्राओं को असुविधा का सामना करना पडता है। वहीं अंदर की कमरे की दीवारें जहां के्रेक हो गई हैं वहीं नीचे से फर्श दरक गया है इससे यह साफ जाहिर होता है कि इसके निर्माण के समय ठेकेदार के द्वारा लापरवाही व अनियमित्तायें की गईं हैं। वहीं विभाग के जिम्मेदारों ने एक करोड की लागत से बनाए गए भवन के निर्माण के समय इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जिसका नतीजा है कि कम समय में ही नवनर्मित भवन की हालत कमजोर हो चली है।
विद्यालय तक नहीं हैं रास्ता, बरसात में होती है परेशानी
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टांई में १६८ छात्र-छात्राओं का दाखिला है। जिनमें ७८ छात्र व ९० छात्रायें हैं। यहां पर टांई, खम्हरिया व कोट ग्राम से बच्चे पढने आते हैं। विद्यालय पहुंचने पर छात्राओं ने बतलाया कि मुख्य सडक से विद्यालय तक सडक न होने के कारण थोडा भी पानी गिर जाता है तो न तो दोपहिया वाहन, साईकिल तक नहीं आ पाती व पैदल आने-जाने में भी समस्या होती है। छात्राओं ने कहा कि यदि हमारे विद्यालय तक सडक बन जाती तो बरसात के दिनों में कोई समस्या नहीं होगी और हम लोगों की साईकिल यहां तक पहुंच जायेगी।
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विद्यालय भवन के चारों तरफ नहीं हैं बाउण्ड्री
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टांई के प्रभारी प्राचार्य हजारी लाल पटेल ने कहा कि नवनर्मित भवन गांव के बाहर है। चारों तरफ से विद्यालय की बाउण्ड्री न होने से असुरक्षित है। आसामाजिक तत्वों का यहां आना-जाना बना रहता है। यदि बाउण्ड्री का निर्माण हो जायेगा तो सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा रहेगा।
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इनका कहना है
मेरे द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था कमेटी के द्वारा रिपोर्ट दी गई थी विद्यालय के प्राचार्य से अभिमत लिया गया उस आधार पर हैण्डओव्हर की कार्यवाही की गई। नियमानुसार ठेकेदार की पांच वर्ष की गारंटी होती है जो भी कमियां हैं उसको संबधित विभाग के माध्यम से कार्य करवाया जायेगा।
एस.बी. मिश्रा
जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना
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Created On :   22 Jan 2024 11:12 AM IST