- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- पन्ना
- /
- राजकीय राजमार्ग क्रमांक ४९ जानलेवा...
Panna News: राजकीय राजमार्ग क्रमांक ४९ जानलेवा गढ्ढों की भूल-भुलैया, प्रशासन की अनदेखी से बढता खतरा
- राजकीय राजमार्ग क्रमांक ४९ जानलेवा गढ्ढों की भूल-भुलैया
- प्रशासन की अनदेखी से बढता खतरा
Panna News: मध्य प्रदेश के राजकीय क्रमांक 49 जो प्रदेश के प्रमुख मार्गों में से एक है कि स्थिति इन दिनों बेहद चिंताजनक हो गई है। यह मार्ग पन्ना से दमोह, जबलपुर, कटनी और अन्य जिलों को जोडऩे वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है परंतु वर्तमान में यह गड्ढों से भरकर जानलेवा दुर्घटनाओं का केंद्र बन चुका है। करोडों रुपये की लागत से बने इस मार्ग को प्रदेश के विकास की धुरी माना गया था। यह मार्ग न केवल स्थानीय व्यापारिक गतिविधियों का अहम हिस्सा है बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देता है क्योंकि यह पन्ना नेशनल पार्क और खजुराहो जैसे प्रसिद्ध स्थलों तक पहुंचने का साधन है।लेकिन वर्तमान स्थिति में यह मार्ग संजीवनी के बजाय मृत्युदाता बन गया है।
दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या
गड्ढों के कारण वाहन चालकों के लिए यह मार्ग चुनौती बन चुका है। खराब निर्माण और उचित रखरखाव के अभाव में गड्ढों की गहराई और संख्या लगातार बढ़ रही है। मानसून के दौरान यह गढ्ढे पानी से भरकर और भी खतरनाक हो जाते हैं। हाल ही मेंए मार्ग पर हुई कई दुर्घटनाओं ने स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है।
यह भी पढ़े -यातायात पुलिस द्वारा वाहन चैकिंग कर की गई कार्यवाही
स्थानीय लोगों की व्यथा
स्थानीय निवासी बताते हैं कि गढ्ढों की वजह से वाहनों की गति अत्यधिक धीमी हो गई है जिससे यात्रा का समय दोगुना हो गया है। किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में कठिनाई हो रही है। वहीं स्कूली बच्चों और मरीजों के लिए भी यह मार्ग असुरक्षित हो गया है। पन्ना के निवासी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा यह मार्ग अब मार्ग नहीं बल्कि एक खतरनाक जाल बन चुका है। शासन-प्रशासन की अनदेखी और ठेकेदारों की लापरवाही का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है।
समाधान की आस
प्रशासन ने अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मध्य प्रदेश सडक़ विकास निगम लिमिटेड ने हाल ही में इस मार्ग की मरम्मत का आश्वासन दिया था लेकिन यह केवल कागजों में सिमटकर रह गया। स्थानीय लोग और समाजसेवी संगठन अब सडक़ को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
यह भी पढ़े -जनभागीदारी से बस स्टैण्ड में बने शापिंग काम्पलेक्स की दस दुकानें हुई सील, दुकानदारों द्वारा नीलामी की शेष राशि और किराया नहीं जमा करने पर की गई कार्यवाही
सडक़ के किनारे खाईनुमा गहरे गढ्ढे
पन्ना से अमानगंज बीटीओ रोड बनाई गई थी और इसमें टोल बैरियर लगाकर वसूली भी की जा रही है लेकिन यहां से निकलने वाले वाहनों को जो सुविधा मिलना चाहिए वह नहीं मिल रही है स्थिति यह है की पन्ना से अमानगंज तक भी सडक़ में गहरे गड्ढे हो चुके थे जिसको लेकर समाचार पत्रों में प्रमुखता के साथ यह बात उठाई जाने के बाद भरने एवं डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है उसकी रफ्तार भी धीमी है। अमानगंज से सिमरिया के बीच बहुत ही बुरी स्थिति है चिखला ग्राम के पास स्थिति यह हो गई है कि सडक़ ही नहीं बची है और सडक़ के किनारे शोल्डर पूरी तरह से नहीं बचे हैं और किनारे खाईनुमा गड्ढे हो चुके हैं जो हादसा को आमंत्रण दे रहे हैं यह मार्ग सर्वाधिक व्यस्ततम मार्ग है लेकिन इसको सुधार किए जाने की दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं हो रहे हैं इस मार्ग से प्रतिदिन निकलने वाली यात्री बसें हिचकोले लेते जा रही हैं।
सरकार से मांग
यह आवश्यक है कि सरकार तत्काल प्रभाव से इस मार्ग की मरम्मत करें और इसके रखरखाव के लिए जिम्मेदार एजेंसी को जवाबदेह ठहराए। राजकीय राजमार्ग क्रमांक-49 जैसे महत्वपूर्ण मार्गों की दुर्दशा प्रदेश के विकास को अवरुद्ध कर रही है। सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस मार्ग को दुर्घटनामुक्त बनाने के लिए समय रहते कदम उठाएगा या फिर यह सडक़ गड्ढों और लापरवाही के अंधकार में धंसती जाएगी।
यह भी पढ़े -कलयुग में मोक्ष का एक मात्र साधन है श्रीमद्भागवत कथा: फूलचंद्र शास्त्री
इनका कहना है
इस मार्ग की चौड़ाई कम है इस्टीमेट बाइंडिंग करने के ोलिए विभाग के मुख्य कार्यालय में भेजा गया है बीटीओ रोड है जो वर्ष 2027 तक रहेगा भारी वाहन इस मार्ग से निकलते हैं इस वजह से यह स्थिति निर्मित हुई है। स्वीकृति मिलने के बाद इस मार्ग का चौड़ीकरण कार्य किया जाएगा।
एम.के. पटेल, सहायक महाप्रबंधक एमपीआरडीसी
Created On :   5 Dec 2024 11:02 AM IST