Panna News: प्राचीन खेजडा मंदिर से दिव्य रथ में निकली श्री जी की भव्य सवारी, नगरवासियों ने शोभा यात्रा का किया स्वागत

प्राचीन खेजडा मंदिर से दिव्य रथ में निकली श्री जी की भव्य सवारी, नगरवासियों ने शोभा यात्रा का किया स्वागत
  • प्राचीन खेजडा मंदिर से दिव्य रथ में निकली श्री जी की भव्य सवारी
  • नगरवासियों ने शोभा यात्रा का किया स्वागत

Panna News: मंदिरों की नगरी पदमावतीपुरी धाम पन्ना में शरद पूर्णिमा महोत्सव का रंग दिन प्रतिदिन बढता ही जा रहा है। मगंलवार की शामं खेजडा मंदिर से निकली श्रीजी की दिव्य सवारी ने पन्ना को भक्ति रस में डूबो दिया। श्री प्राणनाथ मंदिर ट्रस्ट के आयोजकत्व में आयोजित दस दिवसीय कार्यक्रम में देश-विदेश से लाखों सुंदरसाथ भक्तों का आना निरंतर जारी है। मंदिर संरक्षक संत शिरोमणी सदानंद महाराज एवं अध्यक्ष महेश भाई पटेल, उपाध्यक्ष तिलक राज शर्मा, सचिव राकेश कुमार शर्मा, न्यासी चंद्रकांत त्रिपाठी, अभय शर्मा, दिनेश शर्मा, रंजीत शर्मा, प्रमोद शर्मा, अमरेश शर्मा गोपाल एवं महाप्रबंधक डी.बी. शर्मा, प्रबंधक मनोज कुमार शर्मा, उपप्रबंधक आशीष शर्मा एवं ट्रस्ट बोर्ड के सभी न्यासीगणों के सहयोग से दस दिवसीय कार्यक्रम भव्यता के साथ हो रहा है। भक्ति रस में सराबोर नाचते और गाते श्रद्धालुओं की टोलियां शाम जब प्राचीन खेजडा मंदिर से श्री जी की भव्य सवारी के साथ निकलीं तो समूचा शहर भी भक्ति रस में डूब गया। यह अनूठा आयोजन हर साल दशहरे के तीसरे दिन होता है जिसमें सदगुरू के सम्मान का प्रतीक कही जाने वाली श्री प्राणनाथ जी की दिव्य सवारी शोभा यात्रा खेजडा मंदिर से बडे ही धूमधाम और उत्साह के साथ निकलती है। अन्तर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला में इस शोभायात्रा का खासा महत्व है।

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ऐतिहासिक सवारी में मनमोहक शोभायात्रा रही आकर्षण का केन्द्र

मंगलवार 15 अक्टूबर को खेजडा मंदिर से शांम ०5 बजे निकली इस ऐतिहासिक सवारी में श्रीजी की मनमोहक शोभायात्रा मुख्य आकर्षण का केंद्र रही जिसकी एक झलक पाने के लिये श्रद्धालु बेताब दिखे। इस बार अन्य राज्यों के साथ-साथ विदेश से भी श्रद्धालु सुंदरसाथ शोभायात्रा में शामिल रहे। जिनमें सर्वाधिक नेपाल देश के सुंदर साथ देखे गए।

शहरवासियों ने सवारी का किया आत्मीय स्वागत

प्रणामी सम्प्रदाय के आस्था का केन्द्र अति प्राचीन खेजडा मंदिर से मंगलवार शाम पांच बजे से अखंड मुक्तिदाता महामति श्री प्राणनाथ जी की सवारी जब निकली तो ऐसा लगा मानो सभी सन्त मनीषी विविध रूप धारण कर इस सवारी की शोभा बडा रहे हों। दिव्य रथ पर सवार श्रीजी तथा धर्मगुरू इस भव्य सवारी की धर्म निष्ठां व भक्तिभाव के साक्षी बने। श्री जी की इस दिव्य सवारी का नगर के धर्मप्रेमियों ने जहाँ तहेदिल से स्वागत किया वहीं प्रणामी धर्म के स्थानीय सुंदरसाथ भक्तों ने जगह-जगह श्री जी की आरती उतारकर पुण्य लाभ लिया।

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सदगुरू के सम्मान का प्रतीक है तेरस की सवारी

अंतर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के दौरान पन्ना नगर में सैकडों वर्षों से लगातार श्री जी की सवारी भव्य स्वरूप के साथ निकाली जाती है। इस सवारी का आयोजन पहली बार बुन्देलखण्ड केशरी महाराजा छत्रसाल जी ने किया था। सद्गुरू के सम्मान का प्रतीक कही जाने वाली इस तेरस की सवारी को लेकर मान्यता है कि जब बुन्देलखण्ड को चारों तरफ से औरंगजेब के सरदारों ने घेर लिया था तब महामति श्री प्राणनाथ जी ने महाराजा छत्रसाल को अपनी चमत्कारी दिव्य तलवार देकर विजयश्री का आर्शीवाद दिया था और कहा था कि हे राजन जब तक तुम अपने दुश्मनों को धूल चटाकर नहीं आ जाते तब तक मैं इसी खेजडा मंदिर में ही रूकूंगा।

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तेरस को जब महाराजा छत्रसाल अपने दुश्मनों पर विजय हासिल कर लौटे तो अपने सदगुरू महामति प्राणनाथ जी को पालकी में बिठाकर अपने कंघों का सहारा देकर श्री प्राणनाथ जी मंदिर में स्थित गुम्मट बंगला जिसे ब्रम्ह चबूतरा भी कहते हैं में लाए थे। जिसके प्रतीक स्वरूप तभी से यह आयोजन हर वर्ष किया जाता है। इस विशाल शोभायात्रा में पन्ना नगरवासियों ने भी पूरे उत्साह व भक्ति भाव के साथ बढ-चढकर अपनी भागीदारी निभाई। रथ में सवार श्री जी की एक झलक पाने के लिए लोग घंटों सडक के किनारे खडे रहे। सवारी के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह श्री जी की आरती उतारी व फूलों की बारिश कर स्वागत किया गया साथ ही शोभा यात्रा में सम्मिलित सुन्दरसाथ को मिठाइयां बांटी गईं।

Created On :   16 Oct 2024 8:00 AM GMT

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