Panna News: पीएचई ने १२३७ स्कूलों में पेयजल के करवाये थे कार्य, ७९७ स्कूलों की पेयजल व्यवस्था हुई ठप्प

पीएचई ने १२३७ स्कूलों में पेयजल के करवाये थे कार्य, ७९७ स्कूलों की पेयजल व्यवस्था हुई ठप्प
  • पीएचई ने १२३७ स्कूलों में पेयजल के करवाये थे कार्य
  • ७९७ स्कूलों की पेयजल व्यवस्था हुई ठप्प
  • जल जीवन मिशन कार्यक्रम की खुली पोल

Panna News: भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन के कार्याे पर पन्ना जिले में सवाल खडे हो रहे है। जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम चरण में जिले में सभी सरकारी स्कूलों आगंनबाडी केन्द्रों में नल से जल की व्यवस्था तैयार किए जाने को लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके लिए विभाग को करोडों रूपए की राशि योजना के अंतर्गत प्राप्त हुई ताकि विद्यालय में पढऩे वाले बच्चों को स्कूलो में नल से जल की व्यवस्था अंतर्गत स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो पीएचई विभाग द्वारा जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत स्कूलों व आंगनबाडी केन्द्रों में नल से जल की व्यवस्था के लिए सोर्स की स्थापना बोर में मोटर पम्प स्थापित करने से लेकर पाइप लाइन फिटिंग कर टंकी से पाइप लाइन के जरिये नल लगाये जाने की जिम्मेदारी ठेकेदारों को टेन्डर प्रक्रिया के जरिये सौंपी गई। जिसके बाद ठेकेदारों द्वारा जिले के कुल १२३७ विद्यालयो में नल से जल की व्यवस्था के लिए तैयार किये गए प्रोजेक्ट पर काम कराते हुए राशि का भुगतान भी प्राप्त कर लिया गया है किन्तु पीएचई विभाग द्वारा जिले के जिन १२३७ सरकारी विद्यालयों में मोटर पम्प के जरिये नल से जल की व्यवस्था करवाई गई उनके द्वारा कराये गए कार्याे की पोल खुलने लगी है। जिला शिक्षा केन्द्र पन्ना द्वारा पीएचई के माध्यम से जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत नल से जल की व्यवस्था की जानकारी जुटाई गई तो यह जानकारी निकलकर सामने आई है कि पीएचई द्वारा जिन १२३७ सरकारी स्कूलों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत काम करवाया गया था उनमें से मात्र ४४० स्कूलो में ही नल से जल की व्यवस्था का लाभ बच्चो को मिल पा रहा है। शेष ७९७ सरकारी स्कूलो में विभिन्न कारणों की वजह से नल से जल की व्यवस्था बंद पडी हुई है और इन विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान होना पड रहा है।

४९६ स्कूलों में पानी के लिए लगी मोटरें मिली बंद, २९९ गायब

पीएचई विभाग द्वारा नल से जल से व्यवस्था के किए जाने वाले कार्य में मोटर पम्प स्थापित किया जाना शामिल था। इसके लिए पानी इलेक्ट्रिक पानी की मोटर ठेकेदार द्वारा लगाई गई थी जिनमें से ४९६ स्कूलो में पानी के लिए लगाई गई मोटरें खराब एवं बंद पाई गई आरोप लग रहे है कि ठेकेदारों द्वारा घटिया क्वालिटी की मोटरें लगवाई गई जिनमें से ज्यादतर चली नहीं इतना ही नहीं २९९ स्कूलों के बोरों में मोटरें ही नहीं मिली। जो कि नल से जल के व्यवस्था के कार्य में हुए बडे भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है इसकी निष्पक्ष जांच हो तो सच सामने निकलकर आयेगा।

१४६ स्कूलों में बिजली का कनेक्शन ही नहीं

नल से जल की व्यवस्था के कार्य के लिए जिन १२३७ विद्यालयों में पेयजल के कार्य करवाये गए उन स्कूलों में पानी के लिए गई मोटर को चलाने के लिए बिजली का होना सबसे जरूरी होता है परंतु १४६ ऐसे स्कूल निकलकर सामने आए जिनमें बिजली का कनेक्शन ही नहीं हुआ है ऐसे में पीएचई विभाग द्वारा नल से जल की व्यवस्था का कार्य ही अपने आप में सवाल बना हुआ है।

ठेकेदारों ने विद्यालय पर दबाव बनाकर ली एनओसी

जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूलों में नल से जल की व्यवस्था के कार्य में विभागीय और ठेकेदारों की मिलीभगत से लाखों रूपए की राशि का बंदरबांट होने के आरोप लग रहे हैं। जानकारियां सामने आई है कि स्कूलों में नल से जल की व्यवस्था का कार्य आधा-अधूरा अथवा घटिया करवाते हुए विद्यालय के प्रधान अध्यापकों, संस्था के प्रमुखों से ठेकेदारों ने एनओसी हासिल कर ली और विभाग के जिम्मेदारों द्वारा बिना जांचे परखे कार्य की पूर्णत: पर मोहर लगाते हुए भुगतान भी कर दिया।

ठप्प पडी पेयजल व्यवस्था को बहाल करने में फिर खर्च होगें ६९ लाख

जल जीवन मिशन अंतर्गत पीएचई विभाग के घटिया कार्याे का खामियाजा विद्यालयों के बच्चे और शिक्षक भोग रहे है स्कूलों में पानी की व्यवस्था नहीं होने के चलते उन्हें परेशान होना पड रहा है। शिक्षा विभाग एवं जिला शिक्षा केन्द्र का प्रबंधन विद्यालयों के प्रधान अध्यापकों से लगातार मिल रहे पानी को लेकर शिकायतों से चितिंत है। पीएचई विभाग के अधिकारियों के सामने जिला स्तरीय बैठकों में उनके द्वारा स्थिति को कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित बैठकों में रखी जा चुकी है परंतु पीएचई विभाग के जिम्मेदार योजना का हेन्ड ओवर हो जाने की जानकारी देकर अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर रहे है। जिला शिक्षा केन्द्र की तकनीकी टीम द्वारा जिन ७९७ विद्यालयों की नल से जल व्यवस्था बंद पडी है उसे बहाल करने के लिए लगने वाले खर्च का आंकलन किया गया तो ६८ लाख ४७ हजार रूपए की राशि खर्च करनी होगी। जिसके प्र्रबंधन जिला शिक्षा केन्द्र के पास नहीं हैं।

इनका कहना है

इस विषय में समक्ष में चर्चा करके ही एक-एक जानकारी बता सकता हूं। काम करवाने के बाद रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित विद्यालयों की होती है। हम इस मामले में क्या कर सकते है।

महेन्द्र सिंह, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यंत्रिकी विभाग पन्ना

हमारी तकनीकी टीम द्वारा विद्यालयों से जानकारी प्राप्त की है पीएचई द्वारा १२३७ मोटर पम्प विद्यालयों में पानी के लिए लगाये गए थे जिनमें से ४४० ही चालू है। ४९८ मोटर खराब है २९९ में मोटर नहीं हैं। १४६ विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन नहीं है। पानी की व्यवस्था को बहाल करने के लिए इस कार्य में ६८ लाख ४७ हजार रूपए की राशि के व्यय होने का आंकलन किया गया है। इसकी व्यवस्था के लिए पूर्व में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी से चर्चा हुई थी जिन्होंने समस्या का समाधान करने की बात कही थी इस मामले में पुन: जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के संज्ञान मेंं जानकारी रखूंगा जिससे पानी की समस्या का समाधान हो सके।

अजय गुप्ता, परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र पन्ना

Created On :   16 Feb 2025 4:16 PM IST

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