Panna News: केन-बेतवा लिंक परियोजना से प्रभावित गांवों के लोगों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रर्दशन

केन-बेतवा लिंक परियोजना से प्रभावित गांवों के लोगों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रर्दशन
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना से प्रभावित गांवों के लोगों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रर्दशन
  • लिंक परियोजना के तहत टाइगर रिजर्व को सौंपी जायेगी जिले के आठ गांव की जमीन
  • उचित मुआवजा और पुर्नवास की मांग को लेकर हुआ प्रर्दशन

Panna News: कहने को केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत बनने वाले डेम में छतरपुर जिले के गांवों के साथ पन्ना टाइगर रिजर्व का कोर एरिया प्रभावित हो रहा है लेकिन इस परियोजना के चलते जिले के 8 गांव को भी विस्थापित होना पड रहा है। बताया जाता है कि लिंक परियोजना के लिए प्रभावित हो रही वन भूमि के बदले जिले के 8 गांवों को खाली कराकर टाइगर रिजर्व को सौंपा जायेगा ताकि बाघों का संसार न उजडे। इस कवायत में जिले के कूढन, गहदरा, रक्सेहा, कोनी, कटारी, बिल्हटा, खमरी, मरहा गांव को विस्थापित किया जा रहा है। यहां के लोगों को विस्थापित करने के लिए प्रशासन स्तर पर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की जा रही है। इसी को लेकर आज इन गांव के लोगों ने आदिवासी युवा शक्ति संगठन के तत्वाधान में शहर में रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर व्यापक विरोध प्रर्दशन किया। जयस के जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि जिन गांवों का विस्थापन किया जा रहा है सभी आदिवासी बहुल्य गांव हैं। लोगों को न तो उचित मुआवजा मिल रहा है और न ही उनका पुर्नवास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को उचित मुआवजा के साथ विकास योजनाओं में होने वाले विस्थापन के तहत विस्थापित परिवार को नौकरी दी जाए। इन मांगों को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे संगठन के लोगों ने तहसीलदार पन्ना एवं एसडीएम पन्ना को ज्ञापन देने से इनकार कर दिया।

यह भी पढ़े -पन्ना टाइगर रिजर्व में आया नन्हा मेहमान, हथिनी अंनती ने मादा बच्चे को दिया जन्म, पहली बार बनी माँ

लोगों का कहना था कि ज्ञापन के माध्यम से वे अपनी मांगों को कलेक्टर के समक्ष रखना चाहते हैं और कलेक्टर को ही ज्ञापन देन कर जायेंगे। कलेक्टर पन्ना की अनुपस्थिति के चलते कई घंटों तक बडी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट में डटे रहे और विरोध प्रर्दशन करते रहे। अंतत: कलेक्टर सुरेश कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों से बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला स्तर पर जिन मांगों को निराकरण हो सकता है उसे किया जायेगा, शेष नौकरी-रोजगार से संबंधित मांग राज्य सरकार को भेजी जायेंगी। कलेक्टर पन्ना को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि विस्थापित गांवों में 95 प्रतिशत आदिवासी है। प्रभावित क्षेत्र में पुर्नवास और पुर्नस्थापन अधिनियम 1984 में अनुसूचित जनजाति के लिए विशेष प्रावधान हैं कि अनुसूचित जनजाति के लोगों को यथा संभव उसी अनुसूचित क्षेत्र में पुर्नवास कराने का प्रयास किया जाए जिससे वह अपनी विशिष्ट पहचान, भाषायी व संस्कतिक पहचान बनाए रख सकें। प्रत्येक पुर्नस्थापित अनुसूचित जाति जनजाति कॉलोनी में 1000 वर्ग मीटर सामुदायिक एवं धार्मिक गतिविधियों हेतु भूमि दी जाए। इन सब अधिकारों का हनन किया जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि विस्थापन नीति के अनुसार परियोजना में भूमिहीन परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने का भी प्रावधान है। ज्ञापन के मध्यम से ध्यान आकृष्ट कराया गया कि पवई मध्यम सिंचाई परियोजना तेंदुघाट, पडरहा का निर्माण कार्य 2019 में पूर्ण हो चुका है। लेकिन आज दिनांक तक बांध से मझगवां ग्राम के कुछ प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि नहीं मिली है।

यह भी पढ़े -रूपए मांगने पहुंचे फोटोग्राफर के साथ की मारपीट, दूसरे पक्ष ने भी घटना विवाद को लेकर दर्ज कराई रिपोर्ट


इन मांगों को लेकर हुआ प्रर्दशन

ज्ञापन के माध्यम से जयस द्वारा मांग की गई कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतिम मुआवजा वितरण राशि तक जो 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे वयस्क हैं उन्हें भी पैकेज में शामिल किया जाए। लिंक परियोजना की विस्थ्ज्ञापन प्रक्रिया पुन: सर्वे करके मुआवजा राशि वितरण की जाए। प्रत्येक प्रभावित परिवारों को आवास के लिए भूमि आवंटित हो। पुर्नवास और पुर्नस्थापना अधिनियम के तहत प्रभावित परिवार के एक सदस्य को परियोजना में रोजगार दिया जा। विस्थापित क्षेत्र को जहां भी पुर्नवास किया जाता है वहां प्राथमिक सुख सुविधा सडक बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध हो। इन मांगों पर कलेक्टर पन्ना ने निराकरण का आश्वासन दिया जिसके बाद प्रर्दशनकारी शांत हुए।

Created On :   17 Dec 2024 5:27 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story