Panna News: पशु चिकित्सालय के लिए वर्ष २०१३ में आई आठ लाख से अधिक की राशि, पशुपालन विभाग के सहायक संचालक को जानकारी ही नहीं

पशु चिकित्सालय के लिए वर्ष २०१३ में आई आठ लाख से अधिक की राशि, पशुपालन विभाग के सहायक संचालक को जानकारी ही नहीं
  • पशु चिकित्सालय के लिए वर्ष २०१३ में आई आठ लाख से अधिक की राशि
  • पशुपालन विभाग के सहायक संचालक को जानकारी ही नहीं

Panna News: रैपुरा में पशु चिकित्सालय पंचायत के दो छोटे-छोटे कमरों में संचालित हो रहा है। इस संबध में एक और जानकारी निकलकर सामने आई है जिसमें वर्ष २०१३-१४ में संचालनालय पशुपालन विभाग ने पशु चिकित्सा विस्तार कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर में पशु औषधालयों को प्रति औषधालय ०८ लाख ६० हजार रूपए स्वीकृत किये गए थे। जिसमें पन्ना जिले के रैपुरा का पशु औषधालय भी शामिल था। यह राशि नवीन पशु चिकित्सालय के निर्माण के कार्य में खर्च की जानी थी। वर्ष २०१४ से २०२४ में दस वर्ष बीत जाने के बाद पशु औषधालय दस्तावेजों में ही सिमट गया। इस संबध में जब पन्ना जिले के पशुपालन विभाग के सहायक संचालक से बात की तो उनका कहना था कि हमें इस संबध में कोई जानकारी नहीं हैं और जब उन्हें बजट आवंटन के संबध में प्राप्त दस्तावेज के बारे में चर्चा की गई तो उन्होंने कोई बात नहीं की।

यह भी पढ़े -चार माह से स्कूल में पानी के लिए परेशान हो रहे है नौनिहाल छात्र-छात्रायें, जल जीवन मिशन से की गई व्यवस्था ठप्प, हैण्डपम्प भी हुआ खराब

वर्ष २०१७ में आवंटित जमीन में बन गया कुआं व हो गए पक्के निर्माण

वर्ष २०१६-१७ में कलेक्टर न्यायालय पन्ना द्वारा एक आदेश जारी किया गया था जिसमें नवीन पशु औषधालय की भूमि हस्तांतरण में आदेश पारित हुआ। आदेश में कहा गया था कि उप संचालक पशु चिकित्सालय सेवायें द्वारा पत्र के माध्यम से नवीन पशु चिकित्सालय के निर्माण के लिए आराजी नंबर ४२८२ के रकवा में ४००० वर्ग फिट जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया गया।

आदेश में कलेक्टर न्यायालय ने पशु औषधालय के लिए आराजी नंबर 4282 से 4000 वर्ग फिट जमीन आवंटित करने का आदेश पारित किया गया था परंतु वर्ष 2017 से 2024 तक सात वर्ष बाद जमीन पर कोई कार्य नहीं हो सका। हालात यह है कि अराजी क्रमांक 4282 में कब्जा कर कई पक्के निर्माण हो गए हैं। साथ ही पास में कूप का निर्माण भी हुआ है जिससे कस्बे को पानी की सप्लाई होती है। अब इस रकवे में पशु औषधालय बनना संभव प्रतीत नहीं होता क्योंकि वहां 4000 वर्ग फीट जमीन निकलना मुश्किल है।

यह भी पढ़े -जमीनी के विवाद को लेकर रास्ता रोककर दी जान से मारने की धमकी

इनका कहना है

हम ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं आप तहसील कार्यालय में पता लीजिये। हमने जमीन को विभाग के नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है।

डॉ. विनय सिंह, पशु चिकित्सक रैपुरा

यह भी पढ़े -जमीनी के विवाद को लेकर रास्ता रोककर दी जान से मारने की धमकी

Created On :   21 Nov 2024 11:22 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story