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Panna News: विस्थापन के नाम पर दर्जनों आदिवासी परिवारों को आजीवन वनवास पर भेजा, खतरों से खेलकर जंगल के गड्ढे से बुझाते हैं प्यास
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- विस्थापन के नाम पर दर्जनों आदिवासी परिवारों को आजीवन वनवास पर भेजा
- न सडक, बिजली, पानी न कोई विकास
- खतरों से खेलकर जंगल के गड्ढे से बुझाते हैं प्यास
Panna News: केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ और सुविधाओं की सौगात पहुंचने का दावा करते हैं। हर गांव को सडक से जोडकर हर व्यक्ति को विकास से जोडने की बात कहते हैं लेकिन पन्ना जिले के कई आदिवासी गांव आजादी के 78 सालों बाद भी विकास से कोसों दूर हैं। ऐसा ही मामला पन्ना विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत इटवांखास का सामने आया है। जहां सिरस्वाहा बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले दर्जन भर से अधिक आदिवासी परिवारों को बिना किसी आदेश या बिना किसी व्यवस्था के विस्थापन के नाम पर वनवास पर भेज दिया गया है।
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दर्जनों आदिवासी परिवारों को आजीवन वनवास
यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि भगवान श्री राम तो 14 वर्ष के लिए वनवास पर गए थे लेकिन इन आदिवासी परिवारों को आजीवन वनवास पर भेज दिया गया है। जहां सडक, बिजली और पेयजल की सुविधाओं का नामोनिशान नहीं है। आदिवासी परिवार जंगल के गढ्ढे से पानी निकालकर अपनी प्यास बुझाते हैं। गहराई पर स्थित इस गढ्ढे में जहां पशु अपनी प्यास बुझाने जाते हैं। उसी पानी से आदिवासी परिवार अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। आए दिन बच्चे और बुजुर्ग फिसल कर घायल हो रहे हैं लेकिन प्यास बुझाने के लिए खतरों से खेलने को मजबूर हैं।
समस्याओं को अनदेखा कर रहे जिम्मेदार
लोगों ने बताया कि स्थानीय सरपंच, सचिव, पटवारी और अन्य अधिकारी-कर्मचारियों से कई बार सडक, बिजली, पानी की सुविधा के लिए फरियाद की गई लेकिन किसी के भी द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। मीडिया टीम जब मौके पर पहुंची तो बच्चों महिलाओं व बुजुर्गों को गढ्ढे से निकाल कर सिर पर पानी का बर्तन लेकर जाते देखा गया।
क्या बोलीं आदिवासी महिलाएं और बच्चे
पूनम आदिवासी ने बताया कि हमे सडक बिजली एवं पेयजल की कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में जंगल के गड्ढे से पानी लाने को मजबूर होना पडता है। उसी गढ्ढे से पशु पानी पीते हैं और उसी से इंसान, गर्मियों में गढ्ढे का पानी खत्म हो जाएगा फिर बडी मुश्किल होगी। अनीता आदिवासी ने बताया कि पंचायत कर्मियों से सुविधाओं की मांग करने पर अनसुना कर देते हैं। इसलिए अब हमारी उम्मीद टूटने लगी है। हमें यह लोग इंसान नहीं समझते शायद इसीलिए जंगल में डाल दिया गया है।
इनका कहना है
इस संबध में मुझे जानकारी प्राप्त हुई थी मेरे द्वारा जनपद पंचायत पन्ना के सहायक यंत्री को वहां जाने के लिए बोला गया है। वह पहुंचकर समस्याओं को देखेंगे और यथासंभव कार्यवाही की जायेगी।
अशोक चतुर्वेदी, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्ना
Created On :   22 Feb 2025 12:36 PM IST