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हत्या के आरोप में युवक को आजीवन कारावास, पिता को 3 माह की सजा
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डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जिला अदालत ने हत्या के आरोप में चौधरी मोहल्ला रामपुर निवासी सौरभ चौधरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश इरशाद अहमद ने आरोपी पर तीन हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है। न्यायालय ने इस मामले में सह आरोपी और सौरभ चौधरी के पिता उमाशंकर चौधरी को धारा 323 में 3 माह की सजा और 500 रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
बीच बचाव करने आया था मृतक
गोरखपुर पुलिस के अनुसार 6 अप्रैल 2015 को सुबह 8.30 बजे छोटे लाल चौधरी का उमाशंकर चौधरी के बीच विवाद हो रहा था। छोटे लाल चौधरी का पुत्र विनीत चौधरी विवाद को सुलझाने के लिए आया। विनीत दोनों को समझा रहा था। इसी बीच उमाशंकर चौधरी का पुत्र सौरभ चौधरी आ गया। वह विनीत चौधरी के साथ गाली-गलौज करने लगा। विनीत ने उसे गाली-गलौज करने से मना किया। इससे नाराज होकर सौरभ ने विनीत को दाहिने जांघ पर चाकू मार दिया। विनीत को मेडिकल अस्पताल ले जाया गया, जहां पर शाम 4 बजे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सौरभ चौधरी और उमाशंकर चौधरी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया। अतिरिक्त लोक अभियोजक अनिल तिवारी के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने सौरभ चौधरी को उम्र कैद और तीन हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
स्टाफ नर्स की नियुक्ति याचिका के निर्णयाधीन
हाईकोर्ट ने नेताजी सुभाषचंद बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में स्टाफ नर्स की नियुक्ति याचिका के निर्णय के अधीन रखने का निर्देश दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने मेडिकल कॉलेज और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। सतना निवासी निशा रजक की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसने नेताजी सुभाषचंद बोस मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की नियुक्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन भरा था। उसे इस आधार पर अयोग्य करार दे दिया गया कि उसने बीएससी नर्सिंग की प्रथम और द्वितीय वर्ष की अंक सूची संलग्न नहीं की है। अधिवक्ता मनीष सोनी ने एकल पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता ने बीएससी नर्सिंग की अंतिम वर्ष की अंकसूची संलग्न की है। इससे स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने स्टाफ नर्स की नियुक्ति याचिका के निर्णय के अधीन रखने का आदेश दिया है।
Created On :   5 Sept 2019 2:13 PM IST