- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- जब नहीं मिल रहे शव वाहन, तो कांधा...
जब नहीं मिल रहे शव वाहन, तो कांधा दे रहा युवक दुख में बना मसीहा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आज जब सुबह एक बुजुर्ग का देखा तो उनसे पूछा कि क्या हुआ,उन्होने बताया कि उनकी माताजी की मृत्यु हो गई है और शव को कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं है। उनके शब्द सुनकर मैने उनका सात्वंना दी। कि बाबाजी आप घबराइए मत,आपकी माताजी को हम कंधा देंगे। फिर मेरा एक साथी आया और हम दोनो ने मिलकर शव को शववाहन में रखा और अंबाझरी लेकर गए। कोरोना के कारण आज ऐसी स्थिती हो गई कि अगर किसी के रिश्तेदार के घर मौत हो जाए,तो उस शव को कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं है। यह बात युवा झेप प्रतिष्ठान के शव वाहन चालक 32 वर्षीय अरविंद पवार ने बताई। उन्होने बताया कि जब से लॉकडाऊन हुआ,तब से शववाहन चालक भी छुट्टी पर है। ऐसे में कई शवो को दाह करने में लोगो को परेशानी हो रही है। पिछले 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन भी हमने कई शवो को कंधा दिया और उन्हें घाट तक पहुंचाया है। अगर ऐसा कहा कि शव यात्रा में भी कोरोना का साया है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
मेरा दोस्त भी है साथ
पवार ने बताया कि मैं पिछले 11 वर्ष से शववाहन चला रहा हूं। सोचा भी नहीं था कि ऐसा समय भी देखना पड़ेगा। एक समय यह था कि शव यात्रा में सैकड़ो की संख्या में लोग होते है,और कोरोना ने तो शवो को भी अपनी चपेट में लिया। एक बस्ती में किसी की मृत्यु हो गई थी,उस शव को घाट तक पहुंचाना था,फिर मेरे दोस्त संजय बोक्शे और मैने मिलकर उसको घाट तक पहुंचाया। शहर में बहुत सारे घर ऐसे है जहां पर नैचुरल डेथ होती है। ऐसे में उन घरो की मदद करने का बीड़ा हमने उठाया है। इन दिनो एक्सीडेंट से मृत्यु का ग्राफ हुआ है लेकिन नैचुरल डेथ तो ही रहीं है। लॉक डाऊन से लेकर आज तक हमने लगभग 20 शवो को कंधा देकर घाट तक पहुंचाया है।
हमारी आंखे भी भर आई
उन्होने आगे बताया कि सोमवार सुबह जब जानकारी मिली कि दो जगह लोगो की मृत्यु हुई है। तब हम वहां पहुंचे। कोरोना के कारण मोहल्ले का कोई भी घर से निकला। सरकार के नियमो का सभी सख्ती से पालन कर रहे है। ऐसा मंजर देखकर हमारी आंखे भी भर आई। पहले एक शव को अबांझरी छोड़ा और दूसरे शव को भी अंबाझरी घाट में ले जाकर अंतिम विदाई दी। हमारा शहर से निवेदन है कि अगर किसी को भी शववाहन की आवयकता पड़ती है,तो वो हमे कॉल कर सकता है।
नोट- शहर के किसी भी नागरिक को यदि शववाहन की आवयकता है, तो वे हमें मोबाइल नं 9922093757 कॉल या एसएमएस कर सकता है।
Created On :   30 March 2020 2:55 PM IST