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जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाए तार में फंसा युवक, मौत, 3 आरोपी गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क सतना। सिंहपुर थाना क्षेत्र के महतैन गांव से 6 सितंबर को रहस्यमय ढंग से लापता होने के 5 माह बाद नइका बाबा जंगल में कंकाल के रूप में मिले 25 वर्षीय रमेश देवनाथ पुत्र रवि देवनाथ की मौत की गुत्थी अंतत: सुलझ गई। जंगली जानवरों के शिकार के लिए फैलाए गए जीआई तार में फंसने से युवक की मौत हुई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों रंजीत दास पिता सुभाष दास 45 वर्ष, इन्द्र्रजीत दास पिता सुभाषदास उम्र 28 वर्ष एवं विजय दास पिता समरजीत दास 23 वर्ष तीनों निवासी पहडिय़ा-महतैन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और साक्ष्य छिपाने के मामले में आईपीसी की धारा 304, 201, 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर लिया।
ये है घटनाक्रम
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि पहडिय़ा-महतैन निवासी रमेश देवनाथ (25) पिता रवि उर्फ मुन्ना देवनाथ को 6 फरवरी की रात तकरीबन 10 बजे किसी का फोन आया था, जिसके बाद वह मिलने खेत की तरफ चला गया था। रात भर जब नहीं लौटा तो 7 फरवरी को पिता ने सिंहपुर थाने में गुमसुदगी दर्ज कराई थी। तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गईं थीं। रमेश ने अंतिम बार एक युवती से बात की थी, लिहाजा पुलिस ने युवती से पूछताछ और बाद में पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया था। पॉलीग्राफ टेस्ट में युवती को क्लीन चिट मिल गई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मृतक की बरामदगी के लिए 5 हजार का इनाम घोषित कर जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।
डीएनए टेस्ट मैच होने के बाद आया नया मोड़-
एसपी ने बताया कि 9 फरवरी को डुडुआ नइका बाबा के जंगल में झाडिय़ों के बीच लकड़ी बीनने वाली महिलाओं ने नर कंकाल देखा था, इसकी सूचना गांव वालों को दी। तीन महीने पुरानी होने के कारण सिर्फ कंकाल बचा था। 11 फरवरी को रीवा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराया गया। चूंकि रमेश गुम था, लिहाजा पुलिस मृतक की पहचान के लिए 16 फरवरी को रमेश की मां निधू और पिता रवि उर्फ मुन्ना देवनाथ का डीएनए सेंपल लेकर मैच के लिए भेजा था। 25 फरवरी को रिपोर्ट आई, जिसमें यह पुष्टि हुई कि नर कंकाल रमेश देवनाथ का ही था।
पहचान छिपाने जला दिए थे कपड़े-
एसपी की विशेष टीम ने संदेह के आधार पर तीनों युवकों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि 6 नवंबर को जब रमेश खेत की ओर जा रहा था, तभी जानवरों के लिए फैलाए तार में फंस गया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने दूसरी बाइक से रमेश की लाश को जंगल में छिपा दिया था। पहचान नहीं हो सके, इसके लिए मृतक के कपड़े और चप्पल भी जला दिए थे। आरोपियों ने मृतक की चांदी की अंगूठी और सोने की चेन उतार लिया था। आरोपियों की निशानदेही में पुलिस ने जले कपड़े और चप्पल के साथ अंगूठी और सोने की चेन भी बरामद कर लिया है।
इनकी रही भूमिका
मामले की तह तक पहुंचने में एसडीओपी आरएस पांडेय, थाना प्रभारी संदीप चतुर्वेदी, एएसआई महेन्द्र गौतम, जेपी तिवारी, प्रधान आरक्षक आरके कुशवाहा, सायबर प्रभारी एसआई अजीत सिंह, एएसआई दीपेश पटेल, प्रधान आरक्षक आरके पटेल, आरक्षक अजीत मिश्रा, विकास सिंह, संजय यादव, संदीप सिंह, विपेन्द्र मिश्रा, कमलाकर सिंह, आरक्षक शुभम परिहार, रामानुज शर्मा, मुकेश तिवारी, खेमराज बागरी, अनिल विश्वकर्मा, मुकेश यादव एवं एफएसएल की अहम भूमिका रही।
Created On :   28 March 2021 5:38 PM IST