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प्रशिक्षण में महिला कृषकों ने समझा आधुनिक कृषि यंत्रो की उपयोगिता एवं महत्व
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़गांव, बालाघाट एवं केन्द्रीय कृषि मषीनरी प्रषिक्षण एवं परीक्षण संस्थान, बुधनी के संयुक्त तत्वाधान में बेरोजगार युवाओं एवं किसानों के लिए कृषि मषीनरी प्रषिक्षण कार्यक्रम दिनांक 04 से 06 नवंबर 2020 तक चलाया जा रहा हैं। इस प्रशिक्षण में 45 कृषक महिलाओं ने बढ़-चढ़कर प्रषिक्षण प्राप्त कर रही हैं। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. आर.एल. राऊत ने कृषक महिलाओं को कृषि के प्रत्येक स्तर (बुवाई से लेकर रोपण, जल निकासी, सिंचाई, उर्वरक, पौध सरंक्षण, कटाई, खरपतवार नियंत्रण और भण्डारण तक) के कार्यों में महिलाओं की अग्रणी भूमिक के महत्व को रेखांकित किया। केन्द्र के वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. ब्रजकिषोर प्रजापति ने महिलाओं के लिए कृषि में उपयोग होने वाले यंत्र जैसे मक्का डीहस्कर कम सेलर पैडल, चलित धान थ्रेसर, नवीन डिब्बलर, मूंगफली तुड़ाई यंत्र, मूंगफली फुड़ाई यंत्र, कोनोबीडर, चार लाइन वाला राइस ट्रांसप्लांटर, पैडी ड्रम सीडर तथा हस्तचलित मेड़ बनाने का यंत्र का विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इसके अतिक्रित गन्ना छिलाई यंत्र की सहायता से कटाई के उपरांत गन्ने की पत्ती, जड़े आदि आसानी से एक ही बार में उतारी जा सकती हैं। साथ ही पारंपरिक तरीके से हंसिया के द्वारा गन्ने की पत्तियों और जड़ों की छिलाई के दौरान होने वाली चोट लगने की घटनाओं से भी बचा जा सकता हैं एवं कार्य क्षमता लगभग 20 कि.ग्रा. प्रति घंटा बढ़ सकती हैं। इस प्रषिक्षण में भारत सरकार के केन्द्रीय मषीनरी प्रषिक्षण एवं परीक्षण संस्थान, बुधनी से श्रीमती बिन्दु राहंगडाले, तकनीकी सहायक ने बताया कि भिण्डी तुड़ाई यंत्र के प्रयोग से महिला कृषकों को चोट लगने, नाखूनों में दर्द तथा हाथों में खुजली आदि परेषानियों से छुटकारा मिला सकता हैं एवं भिण्डी की तुड़ाई में कार्य क्षमता 40 प्रतिषत तक बढ़ सकती हैं। इसके अतिरिक्त जानकारी दी की दानेदार खाद को खेत में छिड़काव करने के लिए फर्टिलाइजर ब्रांडकास्टर यंत्र के उपयोग से महिलाओं की कार्य क्षमता लगभग 6 प्रतिषत तक बढ़ाया जा सकता हैं। श्री अनीष मालवीय, वरिष्ठ तकनीषियन एवं ओमप्रकाष दुबे तकनीकी सहायक ने रिज उर्वरक व बीज प्लांटर, परिषोधित फरोवर टाइप गन्ना कटर प्लांटर, ट्रेक्टर चलित लहसून पौध रोपण यंत्र तथा विद्युत चलित गन्ना सेट कटर को विस्तारपूर्वक बताया। इस प्रषिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के डॉ. एस.के. जाटव, डॉ. एम.पी. इंगले, धमेन्द्र आगाषे, सुखलाल वास्केल, जितेन्द्र मर्सकोले एवं जितेन्द्र नगपुरे ने अपना-अपना सराहनीय योगदान दिया।
Created On :   7 Nov 2020 3:16 PM IST