नए शिक्षण सत्र से शासकीय स्कूल में पहली से कक्षा दसवीं तक प्रोजेक्ट व प्रैक्टिकल आधारित पढ़ाई होगी 

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नए शिक्षण सत्र से शासकीय स्कूल में पहली से कक्षा दसवीं तक प्रोजेक्ट व प्रैक्टिकल आधारित पढ़ाई होगी 

 दक्षिण कोरिया की तर्ज पर पाठ्यक्रम में शामिल होगा स्टीम माड्यूल  जिले से तीन अधिकारी गए थे दक्षिण कोरिया
डिजिटल डेस्क दमोह  
। शासकीय स्कूलों में पहली से कक्षा दसवीं तक में प्रोजेक्ट व प्रैक्टिकल आधारित पढ़ाई होगी। दक्षिण कोरिया की तर्ज पर स्कूली पाठ्यक्रम में स्टीम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग ,आट्र्स व मैथमेटिक्स) माड्यूल शामिल होगा ।नए शिक्षण सत्र से स्कूल शिक्षा विभाग पहली से दसवीं कक्षा में स्टीम माड्यूल को लागू करने जा रहा है ।इससे स्कूली बच्चों को एक ही विषय में पढ़ाई में कई विषयों की जानकारी मिलेगी ।
 मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक राज्य स्तरीय समिति बनाई है। समिति के अध्यक्ष स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हैं ।विभाग इस शिक्षण सत्र से जिले के शासकीय जसवंतलाल पहलाद भाई कन्या शाला दमोह को शामिल किया गया है जो  पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस मॉडल को लागू करेगा। इसे लागू करने के लिए विभाग करिकुलम मैपिंग कर रहा है ।विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य होगा जहां के शासकीय स्कूलों में यह मॉड्यूल लागू किया जाएगा। इससे प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ रहे हैं विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा।
शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 200 अधिकारी व शिक्षकों को दक्षिण कोरिया के स्कूलों के अवलोकन कराने के लिए दौरा कराया था जिसमें दमोह जिले के तीन अधिकारी भी शामिल रहे इनमें  प्रभारी जिला  शिक्षा अधिकारी  पीपी सिह,  उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य  के के पांडे , मॉडल स्कूल के प्राचार्य  नरेंद्र नायक भी शामिल थे। इस पाठ्यक्रम को स्कूल में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।  प्रत्येक विषय में प्रोजेक्ट, प्रैक्टिकल और अन्य गतिविधियां होंगी शामिल
 क्या है स्टीम
 यह एक पाठ्यक्रम है जो स्टेम (साइंस ,टेक्नोलॉजी ,इंजीनियरिंग व मैथमेटिक्स) से थोड़ा अलग है। स्टीम माड्यूल में कला भी शामिल है ।इससे बच्चों को सभी विषयों का एक साथ ज्ञान होगा।
 प्रैक्टिकल आधारित पढ़ाई
 शासकीय स्कूलों में अभी तक ज्वॉय फुल लर्निंग ,दक्षता उन्नयन आधारित शिक्षण दिया जा रहा था। अब प्रत्येक विषय में प्रोजेक्ट, प्रैक्टिकल और गतिविधियां शामिल होंगी। अब शिक्षक सिर्फ किताब ही नहीं बल्कि किसी भी टॉपिक पर प्रयोग कर बच्चों को सिखाएंगे ।अगर पर्यावरण को पढ़ाया जाएगा तो उसे स्टोरी के रूप में विकसित कर पढ़ाया जाएगा।
  इनका कहना है
 इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अभी सिर्फ दमोह जिले का एक स्कूल ही शामिल किया गया है। भविष्य में और भी स्कूल शामिल होने की संभावना है।
 पी पी सिह  प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी दमोह

Created On :   8 Jan 2020 3:13 PM IST

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