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पाक्सो -छेड़छाड के मामले दर्ज करने को लेकर क्या मुंबई पुलिस आयुक्त की ओर से जारी परिपत्र वापस होगा
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या मुंबई पुलिस आयुक्त की ओर से पिछले दिनों जारी किया गया वह परिपत्र वापस लिया जाएगा जिसके तहत संबंधित पुलिस उपायुक्त की मंजूरी के बिना पाक्सो व छेड़छाड का मामला दर्ज कराने पर रोक लगाई गई है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने सरकारी वकील को इस संबंध में राज्य सरकार अथवा मुंबई पुलिस आयुक्त से सीधे निर्देश लेकर जानकारी देने को कहा हैं। मुंबई निवासी दमयंती वासवे ने मुंबई पुलिस आयुक्त की ओर से जारी किए गए परिपत्र को हाईकोर्ट में चुनौती दी हैं। याचिका में मुंबई पुलिस आयुक्त की ओर से 6 जून 2022 जारी परिपत्र को मनमानीपूर्ण बताया गया है और उसे रद्द करने की मांग की गई है। खंडपीठ ने अब 23 जून को इस मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई रखी है। गौरतलब है कि मुंबई पुलिस आयुक्त ने परिपत्र जारी करते समय कहां था कि कई बार संपति व पैसे से जुड़े विवाद अथवा निजी रंजिश को लेकर पाक्सों व छेड़छाड से जुड़े झूठे मामले दर्ज कराए जाते हैं। इसलिए मामला दर्ज करने पर निर्बंध लगाया गया है। इस परिपत्र को लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी पिछले दिनों अप्रसन्नता जाहिर की थी।
Created On :   16 Jun 2022 9:10 PM IST