तीन माह बाद फिर लौटे जंगली हाथी, घर को पहुंचाया नुकसान

Wild elephants returned after three months, damaged the house
तीन माह बाद फिर लौटे जंगली हाथी, घर को पहुंचाया नुकसान
वनविभाग कर रहा गश्ती तीन माह बाद फिर लौटे जंगली हाथी, घर को पहुंचाया नुकसान

डिजिटल डेस्क,मंडला। मंडला जिले की सीमा में तीन माह बाद फिर जंगली हाथियों का झुंड प्रवेश कर गया है, यहां रविवार-सोमवार की दरम्यिानी रात रमतिला में हाथियों ने उत्पात मचाया है,  जंगली हाथियों ने कच्चें घरों को तहस-नहस कर दिया। यहां एक वृद्धा भी घायल हुई है। जंगली हाथियों के वनांचल मवई में प्रवेश करने के बाद यहां ग्रामीणों में दहशत है।
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ से आया हाथियों का झुंड फरवरी 2022 में वापस लौट गया था, यहां बिलगांव में 12 फरवरी को नुकसान करने के बाद छत्तीसगढ़ चला गया था, जिससे मवई वनांचल में ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी लेकिन 8 मई को फिर डिंडौरी जिले के समनापुर से 9 हाथियों का झुंड फिर मंडला जिले की सीमा में आ गया। यहां नुनसरई से देर रात हाथियों का झुंड रमतिला पहुंचा। जंगली हाथियों ने यहां जमकर उत्पात मचाया है। यहां फागूसिंह आयाम पिता ज्ञानसिंह आयाम के घर को क्षति पहुंचाई है। हाथियों की आवाज सुनकर ग्रामीण घरों से बाहर आये। यहां हाथियों से डरकर फागूलाल की मॉ गिर गई। जिससे उन्हें चोट आई है। ग्रामीणों ने जंगली हाथियों को गांव से बाहर किया।

वनविभाग की लापरवाहीं-

हाथियों की लोकेशन वनविभाग को मिल गई थी, छत्तीसगढ सीमा में रात्रि करीब 9 बजे हाथी प्रवेश किये। वनविभाग के द्वारा हाथियों की क्षेत्र में दस्तक होने की सूचना सभी गांवो में नही दी गई। विभाग के अमवार, पटपटा, नुनसरई, सुनेहरा मे मुनादी  की गई लेकिन रमतिला में वनविभाग के द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई। जिससे यहां ग्रामीण सतर्क नही हो पाये। जिससे यह घटना हो गई है।

ग्रामीणों में दहशत-

मंडला जिले में हाथियों के प्रवेश और रमतिला में नुकसान पहुुंचाने के बाद यहां ग्रामीणों में दहशत है, वन परिक्षेत्र के अधिकारी और कर्मचारी के द्वारा दिन में गश्ती की जा रही है लेकिन रात्रि के दौरान आपात में विभाग का अमला मौके में पहुंचने में कोताही करता है। जिससे रात्रि में ग्रामीणों को विभाग से सहयोग की उम्मीद नही है। जिससे रात्रि के दौरान रहवासी इलाके में हाथी आने की स्थिति में ग्रामीणों को खुद परिस्थिति में निपटना होगा।

छग सीमा में चले गये-

सोमवार की सुबह 6 बजे हाथियों को झुंझ छग सीमा यानि साठिया के जंगल में प्रवेश कर गया है। यहां से फेन अभ्यारण की तरफ हाथी का झुंड जा सकता है, इससे पहले भी यहां हाथी करीब दो माह तक जंगल में आराम से रहे थे, हाथियों के रहवास के लिए घना जंगल चारा पर्याप्त है। जिससे हाथी फिर फेन में डेरा जमा सकते है।
ग्रामीणों के लिए यह सतर्कता जरूरी

-जंगल की तरफ ना जाये, तेंदूपत्ता के लिए जाये तो बच्चों को साथ ना ले जाए-रात्रि के दौरान घर से बाहर ना निकले एवं सतर्क रह-वन क्षेत्र के लगे कच्चे मकानों में रहने वाले लोग रात्रि में सुरक्षित स्थान पर चले जाए, स्कूल, सामुदायिक भवन में आश्रय लें।
-कच्चे मकानों में अनाज खुले में ना रखे
-हाथियों के साथ सामना होने की स्थिति में पटाखे जलाकर और मसाले जलाकर दूर करने का प्रयास करें
-हाथियों के झुंड के विचरण में व्यवधान ना डाले, उन्हें कुछ खाने की वस्तु ना दें।
जेडी खरे, (रेंजर मवई) का कहना हैं कि हाथियों की लोकेशन छत्तीसगढ सीमा है, हाथियों पर नजर रखी जा रही है। विभाग का अमला गश्ती कर रहा है। 

Created On :   9 May 2022 5:08 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story