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केन्द्र सरकार बताए दूसरे प्रदेशों में क्यों रोके जा रहे ऑक्सीजन टैंकर
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि दूसरे प्रदेशों में ऑक्सीजन के टैंकर क्यों रोके जा रहे हैं, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। डिवीजन बैंच ने यह भी कहा है कि आदेश के बाद भी 36 घंटे में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट क्यों नहीं दी जा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार से 19 अप्रैल को 19 बिंदुओं पर दिए गए आदेश की कम्पलाइंस रिपोर्ट भी माँगी गई है। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
दोबारा पुनरावृत्ति नहीं हो, इसलिए देना चाहते हैं स्पष्ट आदेश-
हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज शर्मा ने आवेदन दायर कर कहा कि बोकारो से एक ऑक्सीजन टैंकर सागर के लिए रवाना हुआ था। रविवार को उस टैंकर को झांसी में रोक लिया गया। मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव और उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने जानकारी दी कि झांसी में रोका गया ऑक्सीजन टैंकर सागर पहुँच चुका है। डिवीजन बैंच ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि झांसी में रोके जाने के कारण ऑक्सीजन टैंकर 16 घंटे विलंब से सागर पहुँचा। भविष्य में दूसरे प्रदेशों में ऑक्सीजन टैंकर रोके जाने की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए हम स्पष्ट आदेश देना चाहते हैं। असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जेके जैन इस मामले में केन्द्र सरकार से निर्देश लेकर कोर्ट को अवगत कराएँ। सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान भी मौजूद थे।
मात्र जबलपुर में शराब के एक दिन के राजस्व से बन सकते हैं दो ऑक्सीजन प्लांट-
कोर्ट मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कहा कि मात्र जबलपुर शहर में शराब से मिलने वाले एक दिन के राजस्व से दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा सकते हैं। एक ऑक्सीजन प्लांट की लागत एक करोड़ रुपए से भी कम है। राज्य सरकार प्रदेश के 51 जिलों के जिला अस्पतालों में आसानी से ऑक्सीजन प्लांट लगा सकती है। राज्य सरकार प्यास लगने पर कुआँ खोद रही है। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि 15 मई तक कोरोना की दूसरी लहर चरम पर पहुँचने वाली है। इसके लिए सरकार ने क्या तैयारी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी से कई मौतें हो चुकी हैं। श्री नागरथ ने अनुरोध किया कि हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में नियमित अंतराल में सुनवाई की जाए।
मौतों के आँकड़े को छिपा रही सरकार-
पूर्व महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने कहा कि सरकार कोरोना से होने वाली मौतों के आँकड़े को छिपा रही है। इंदौर जैसे बड़े शहर में सरकार रोजाना 5 से 10 मौतें होने की जानकारी दे रही है, जबकि श्मशान और कब्रिस्तान में 100 से 150 अंतिम संस्कार होने की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और फैबीफ्लू नहीं मिल पा रही है। इंदौर में 300 बेड वाला सेवा कुंज अस्पताल बैंक वसूली के कारण बंद पड़ा है। राज्य सरकार इस अस्पताल का अधिग्रहण कर कोरोना मरीजों का इलाज करा सकती है।
Created On :   26 April 2021 10:41 PM IST