जिले के दो सैकड़ा गांवों में सफेद आफत, ३४ हजार हेक्टेयर की फसलों पर असर

White disaster in two hundred villages of the district, affecting 34 thousand hectares of crops
जिले के दो सैकड़ा गांवों में सफेद आफत, ३४ हजार हेक्टेयर की फसलों पर असर
सिवनी जिले के दो सैकड़ा गांवों में सफेद आफत, ३४ हजार हेक्टेयर की फसलों पर असर

डिजिटल डेस्क  सिवनी  जिले में मंगलवार को हुई ओलावृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है। सर्वे की शुरुआत के साथ ही जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वे काफी डरावने हैं। जिले में कुल १८२ गांवों में ओलावृष्टि हुई है जिसमें ३२ हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं कई स्थानों में बुधवार को भी बिजली आपूर्ति बाधित रही। इस बारिश, तूफान और ओलावृष्टि में १३२ बिजली के खंभों को नुकसान हुआ है।
उम्मीदों पर तुषारापात
इस साल किसानों ने जिले में तीन लाख ४७ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी की गई है। जिसमें गेहूं दो लाख ६८ हजार हेक्टेयर, ७० हजार से अधिक हेक्टेयर में दलहनी फसलें, आठ हजार हेक्टेयर में तिलहनी फसलों को बोवनी की गई थी। फसल अब तक अच्छी थी जिससे किसानों को काफी उम्मीदें थीं लेकिन इस माह में दो बार हुई ओलावृष्टि से जिले में काफी नुकसान हुआ है।
डरावने हैं आंकड़े
जिले में जनवरी माह में दो बार ओलावृष्टि हुई है। मंगलवार को हुई ओलावृष्टि से काफी क्षति हुई है। जिले के १८२ गांवों में ओलावृष्टि का असर देखा जा रहा है। जिसमें १४६ गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। भू अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के सिवनी तहसील में ७३ गांवों में ओलावृष्टि हुई है।  सभी गांव पूरी तरह प्रभावित हैं। वहीं कुरई विकासखंड में ३८ गांव प्रभावित हैं। जबकि नौ गांवों में हल्का फुल्का नुकसान है। केवलारी विकासखंड में ३५ गांव प्रभावित हैं। चार अन्य गांवों में हल्का फुल्का नुकसान है। बरघाट में २३ गांव प्रभावित हैं जिसमें सभी सामान्य प्रभावित हैं। इस ओलावृष्टि के पहले शनिवार को हुई ओलावृष्टि में आदेगांव के १८ गांव प्रभावित हुए थे जिसमें चार गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। घंसौर के १० गांवों में भी ओलावृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है। एक दो दिनों में आखिरी आंकड़े आने की उम्मीद है।  
टूट गए सपने, उम्मीदों पर बरसे ओले
जिले में इस साल रबी की फसलों की स्थिति सामान्य थी। किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी लेकिन इस प्राकृतिक आपदा ने सारे सपनों को खत्म कर दिया। जिले के ३२ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। शनिवार को घंसौर और लखनादौन-आदेगांव क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि में २३०० हजार हेक्टेयर में फसल तबाह हुई है।  
बिजली कंपनी को भी व्यापक नुकसान
जिले में मंगलवार को हुई ओलावृष्टि, आंधी, तूफान और बारिश से बिजली कंपनी भी अछूती नहीं है।  बिजली के १३२ खंभे धराशाई हुए हैं। जिसमें आमागढ़ में १०, बोरी में सात, कान्हीवाड़ा में एक, कुरई में पांच और लोपा पलारी क्षेत्र में ६५ खंबों को नुकसान पहुंचा है। इसी प्रकार केवलारी में एक  दर्जन खंभे गिरे हैं। चार किलोमीटर की बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं कंपनी को १२ लाख रुपए का नुकसान संभावित है।
लुढ़का पारा, चली सर्द हवाएं
मंगलवार को हुई ओलावृष्टि के बाद बुधवार को आसमान में बादलों और सूरज की लुकाछिपी का दौर जारी रहा। कुछ समय के लिए धूप भी खिली। ओले गिरने क ा असर बुधवार को तापमान में देखने को मिला। जब अधिकतम और न्यूनतम पारे में काफी गिरावट देखने को मिली। जिले में अधिकतम पारा जहां १८.६ डिग्री सैल्सियस रिकार्ड हुआ वहीं न्यूनतम पारा एक बार फि र इकाई में आ गया। न्यूनतम तापमान ७.४ डिग्री सैल्सियस रिकार्ड हुआ।
अब और गिरेगा पारा
मौसम विभाग का कहना है कि बने हुए विभिन्न सिस्टमों के कारण बारिश और ओलावृष्टि का जो दौर देखने को मिला वे अब खत्म हो रहे हैं। जिसके परिणाम से अब मौसम साफ होने लगेगा। इससे रात के तापमान में गिरावट होने लगेगी। बादलों के छाए रहने के कारण दिन का तापमान भी ठिठका हुआ है। आने वाले दिनों में अच्छी ठंड के आसार हैं।

Created On :   13 Jan 2022 4:34 PM IST

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