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जब महिला की संदिग्ध मौत की जांच के लिए मौके पर पहुंची कोर्ट
डिजिटल डेस्क, सतना। जिले के न्यायिक इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है,जब किसी नवव्याहता की संदिग्ध मौत के मामले की जांच के लिए स्वयं अदालत ने घटना स्थल का निरीक्षण किया हो। बुधवार को जिले के नागौद थाना क्षेत्र के खमरेही पहुंचे न्यायाधीश डीपी सूत्रकार ने निरीक्षण के बाद थाना प्रभारी से हत्या के संदेही दुर्गेश पटेल और उसके पिता रामकिशुन की सीडीआर लोकेशन भी तलब की। इस मामले की विवेचना नागौद थाने में २ साल से पेंडिंग है। जबकि मृतिका आरती पटेल के पिता नंदलाल और सतेन्द्र पटेल निवासी टेढ़ा (पन्ना) का आरोप है आरती की हत्या की है।
२ साल से अज्ञात है अपराधी :——
प्रकरण के मुताबिक नागौद थाना क्षेत्र के खमरेही में शादी के महज ३ माह बाद
वर्ष २०२० की ८ अगस्त को आरती का शव घर से दूर उदयराज के खेत में पाया गया था। घटना के ७वें दिन यानि 15 अगस्त को पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ कायमी की थी। इस मामले में पुलिस की भूमिका शुरू से ही लापरवाही पूर्ण रही। आरोप हैं कि पुलिस ने न तो अभियोग पत्र पेश किया और न ही खारिज खात्मे की ही प्रक्रिया अपनाई गई। पुलिस के असहयोग से व्यथित मृतिका के पिता और भाई ने अंतत: न्यायालय की शरण ली। मृतिका के पति और ससुर के विरूद्ध शिकायत पेश की। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने स्वयं घटना स्थल का मुआयना करने का निर्णय लिया। न्यायाधीश श्री सूत्रकार ने फरियादी, संदेही को (घटना स्थल) पर दोपहर सवा २ बजे उपस्थित रहने का निर्देश दिया और प्रकरण को लंच पश्चात प्रस्तुत किए जाने का आदेश भी दिया।
डायरी में नहीं थी सीडीआर —-
फरियादी के अधिवक्ता धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि घटना स्थल के निरीक्षण के बाद सुनवाई के दौरान यह पाए जाने पर कि संदेही दुर्गेश पटेल और रामकिशुन पटेल की लोकेशन और सीडीआर नागौद थाना पुलिस द्वारा दिनांक 8 अगस्त से 10 अगस्त 2020 तक की ट्रेस कराई गई थी, लेकिन डायरी में लोकेशन और सीडीआर मौजूद नहीं है। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने थाना प्रभारी को सीडीआर और लोकेशन पेश करने का आदेश दिया है।
Created On :   17 March 2022 4:30 PM IST