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गीला-सूखा कचरा व्यवस्था ने बिगाड़ा बजट, हर माह पौने दो करोड़ का झटका
डिजिटल डेस्क, नागपुर । शहर में कचरा संकलन की नई व्यवस्था कागजों पर सीमित रह गई है। गीला, सूखा कचरा अलग-अलग संकलन के लिए मनपा नई एजेंसियों को पहले के मुकाबले अधिक दाम चुका रही है। मनपा की तिजोरी पर हर महीने पौने दो करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है, लेकिन परिणाम शून्य है। महापौर, स्वास्थ्य समिति सभापति के बाद अब मनपा आयुक्त ने सख्ती से गीला, सूखा अलग-अलग संकलन करने का फरमान जारी किया। सभी के फरमान बेअसर साबित हुए। कचरा संकलन एजेंसियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। बस्ती में कचरा संकलन करने वाले वाहनों में गीला, सूखा कचरा एकत्रित इकट्ठा किया जा रहा है।
500 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से ठेका
शहर में कचरा संकलन की जिम्मेदारी 15 नवंबर 2019 को दो नई एजेंसियों ने संभाली है। जोन क्र.-1 से 5 तक एजी एन्वायरो और जोन क्र.-6 से 10 की जिम्मेदारी बीवीजी एजेंसी को दी गई है। नई एजेंसियों को घर-घर से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग संकलन करने का मनपा ने करार किया। 500 रुपए प्रति मीट्रिक टन से अधिक दर पर ठेका दिया गया है। पहले दिन से ही नई एजेंसियां करार के अनुसार कचरा संकलन में फिसड्डी साबित हुईं। नई शुरुआत होने से सुधरने के लिए मोहलत दी गई। तीन महीने गुजर गए, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। प्रतिदिन 1250 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। स्वास्थ्य अधिकारी (स्वच्छता) डॉ. प्रदीप दासरवार का दावा है कि गीला, सूखा कचरा अलग-अलग संकलन किया जा रहा है। इसमें गीला कितना, सूखा कितना इसका उनके पास कोई जवाब नहीं है।
पहले ही दिन से गड़बड़ाया संकलन
नई एजेंसियां पहले ही दिन से कचरा संकलन में गड़बड़ा गईं। शहर में कचरे के अंबार लगने से नागरिकों में रोष बढ़ गया। इसे पटरी पर लाने के लिए गीला-सूखा अलग-अलग संकलन की सख्ती को टाल दिया गया। 1 दिसंबर से इसे सख्ती से पालन करने की मोहलत दी गई। करार का उल्लंघन करने के लिए दोनों एजेंसियों पर जुर्माना ठोंका गया। इसके बावजूद एजेंसियां बाज नहीं आईं।
पदाधिकारियों ने हस्तक्षेप कर 15 दिसंबर से सख्ती करने के लिए तत्कालीन मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर को राजी कर लिया। उनका तबादला होकर तुकाराम मुंढे ने पदभार संभाला। दो दिन पहले उन्होंने सख्ती से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग संकलन करने का फरमान जारी किया। फरमान का पालन नहीं करने वालों से जुर्माना वसूल करने की चेतावनी दी। एजेंसियों से भी आदेश का पालन करने की ताकीद दी। आदेश जारी कर दूसरे ही दिन प्रशासकीय काम से मुंबई चले गए। उनकी गैर-मौजूदगी में शहर की कचरा संकलन में कोई सुधार नहीं हुआ।
Created On :   10 Feb 2020 2:14 PM IST