महिला एवं बाल सुरक्षा तथा सशक्तीकरण विषय पर वेबिनार अनिवार्य एफआईआर नीति के अच्छे परिणाम - मुख्यमंत्री

Webinar on Women and Child Safety and Empowerment, Good Results of compulsory FIR Policy - Chief Minister
महिला एवं बाल सुरक्षा तथा सशक्तीकरण विषय पर वेबिनार अनिवार्य एफआईआर नीति के अच्छे परिणाम - मुख्यमंत्री
महिला एवं बाल सुरक्षा तथा सशक्तीकरण विषय पर वेबिनार अनिवार्य एफआईआर नीति के अच्छे परिणाम - मुख्यमंत्री

डिजिटल डेस्क, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि थानों में हर फरियादी की सुनवाई सुनिश्चित करने तथा आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास कायम करने की दिशा में राजस्थान ने जो नवाचार किए हैं, उनके अच्छे परिणाम आए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने थानों में प्रत्येक फरियादी की एफआईआर दर्ज करने के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन नीति‘ अपनाने का साहस दिखाया है। इससे परिवादों के पंजीकरण में भले ही बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन इसका अभिप्राय यह कतई नहीं है कि वास्तविक रूप में अपराध भी बढ़े हों। श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर ‘महिला एवं बाल सुरक्षा तथा सशक्तीकरण के लिए कर्तव्य एवं अधिकार‘ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों में इस नीति को लागू करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखा है। जल्द ही इस संबंध में वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि हर पीड़ित को न्याय दिलाने की राजस्थान की अनिवार्य एफआईआर नीति को अपनाने के लिए देशव्यापी वातावरण बने, इसके लिए राजस्थान राष्ट्रीय स्तर की सेमिनार आयोजित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं एवं बाल अधिकारों की सुरक्षा पूरे देश के लिए अत्यन्त संवेदनशील मुददा है। खासकर महिला उत्पीड़न की घटनाएं हम सभी के लिए चिंता का विषय है। हमारी सरकार ने ऎसी घटनाओं पर हमेशा तत्परता से जमीनी स्तर तक प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की है। अलवर के थानागाजी प्रकरण में पुलिस ने जिस तरह अपनी प्रोफेशनल एप्रोच से अपराधियों को सजा दिलाने मेें कामयाबी पाई और पीड़िता को समय पर न्याय दिलाया, दुष्कर्म के अन्य मामलों में यह प्रकरण राज्य पुलिस के लिए तफ्तीश का मॉडल बने। श्री गहलोत ने कहा कि अनिवार्य एफआईआर की नीति, सभी पुलिस जिलों में स्पेशल इंवेस्टीगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वूमैन के गठन, थानों में स्वागत कक्ष के निर्माण तथा उच्च स्तर से लगातार मॉनीटरिंग जैसे कदमों के कारण राज्य में पीडित महिलाओं को शीघ्र न्याय मिलने में मदद मिली है। महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले अपराधों की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बेहिचक थाने पहुंचने लगी हैं, दुष्कर्म जैसे केसेज की तफ्तीश में लगने वाले औसत समय में 40 प्रतिशत तक की उल्लेखनीय कमी आई है। यह समय 267 दिनों से घटकर 118 दिन हो गया है। अदालतों के माध्यम से दर्ज होने वाले प्रकरणों की संख्या भी 34 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत रह गई है। साथ ही प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों की लंबित जांचों का प्रतिशत भी राष्ट्रीय औसत 34 प्रतिशत के मुकाबले 9 प्रतिशत ही है। वेबिनार में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं एवं बालकों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। वन स्टॉप सेंटर, महिला हैल्पलाइन आदि के माध्यम से उनकी चिकित्सकीय एवं विधिक काउंसलिंग की जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार ने एक हजार करोड़ रूपए की इंदिरा महिला शक्ति योजना लागू की है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में थानों को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने की दिशा में सराहनीय पहल की गई है। उन्होंने कहा कि आयोग विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को ‘गुड टच-बैड टच‘ तथा बाल अधिकारों की रक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर ने प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करने तथा इस विषय पर जनचेतना जाग्रत करने के उददेश्य से राजस्थान पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘आवाज‘ के बारे में जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सिविल राइट्स श्री आरपी मेहरड़ा ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सरदार पटेल यूनिवर्सिटी फॉर पुलिस, सिक्योरिटी एवं क्रिमिनल जस्टिस के वीसी श्री आलोक त्रिपाठी, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज श्री रोहित कुमार सिंह, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संयुक्त राष्ट्र (वूमैन) की भारत में उप प्रतिनिधि निष%

Created On :   10 Nov 2020 2:56 PM IST

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