कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए मास्क पहनें और सतर्क रहें -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
डिजिटल डेस्क, जयपुर। 6 नवंबर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना ग्राफ में गिरावट आ रही है लेकिन लोगों को लापरवाह नहीं होना चाहिए। सर्दियों में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका व्यक्त की गई है। डॉ. शर्मा के अनुसार विशेषज्ञों का मानना है सर्दियों में दूसरी लहर आ सकती है, इसलिए लोगों को बहुत सतर्क रहना होगा, मास्क पहनना होगा, सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी और खुद को सुरक्षित रखने के लिए बार-बार हाथ धोना होगा। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में मौसमी बीमारियों, स्वाइन फ्लू, डेंगू, सर्दी और खांसी, प्रदूषण आदि के मामलों में वृद्धि होगी। जो गंभीर है और अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, तो कोरोना के मामले निश्चित रूप से बढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर लोग मास्क पहनते हैं और एक महीने तक अनुशासन बनाए रखते हैं तो कोरोना चेन टूट सकती है। डॉ. शर्मा ने कहा कि विशेषज्ञों की राय में वैक्सीन की तुलना में मास्क बेहतर हैं क्योंकि वैक्सीन का प्रभाव 60 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा, लेकिन नियमित रूप से मास्क पहनने से संक्रमण की संभावना 90 प्रतिशत तक कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 2 अक्टूबर को कोरोना के खिलाफ जनजागरुकता आंदोलन का शुभारंभ किया है। जिसमें मास्क वितरण के साथ कोरोना वायरस के प्रति आमजन को जागरुक किया जा रहा है। इस आंदोलन में सरकार के साथ एनजीओ, स्काउट गाइड व शिक्षकों के साथ अन्य संस्थाएं भी जुड़े है। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस अभियान को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है और लोगों को मास्क पहनने के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलावा नो मास्क, नो एंट्री अभियान भी सफल हो रहा है, क्योंकि न केवल सरकारी कार्यालय, बल्कि निजी कार्यालय, दुकानें, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इसका पालन किया जा रहा है। लोगों को तब तक प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, जब तक वे मास्क नहीं पहनते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और पश्चिमी देश COVID—19 की दूसरी और तीसरी लहर देख रहे हैं और पहले चरण की तुलना में मामलों में दो से तीन बार वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा राजस्थान में लोगों को मास्क पहनने की आदत विकसित करनी होगी। मास्क पहनने के कई फायदे हैं, क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करता है। वहीं 2025 तक तपेदिक को खत्म करने के उद्देश्य से भी मास्क पहनने को अनिवार्य किया जा रहा है। क्योंकि मास्क पहनने से तपेदिक, अस्थमा, एलर्जी और अन्य संक्रामक रोगों के मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है। मास्क सिलिकोसिस की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और प्रभावी साबित होंगे।
Created On :   7 Nov 2020 3:08 PM IST