मजदूर हैं भिखारी नहीं, ये कहते हुए महिला ने पल्लू से ढंक लिया चेहरा और बच्चे को गोद उठा चली गई

We tried to know the pain of the workers closely
मजदूर हैं भिखारी नहीं, ये कहते हुए महिला ने पल्लू से ढंक लिया चेहरा और बच्चे को गोद उठा चली गई
मजदूर हैं भिखारी नहीं, ये कहते हुए महिला ने पल्लू से ढंक लिया चेहरा और बच्चे को गोद उठा चली गई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मजदूरों के पलायन का दर्द। दिल्ली की खबरों ने मजदूरों के जो हाल बयां किए है वह निश्चित ही देशवासियों को दुखी व भावुक कर देनेवाले हैं। सोशल मीडिया पर तंज कसा जा रहा है-अपने ही देश में यह कैसा बेचारा भारत है,जो हजार डेढ़ हजार किलोमीटर तक चलने व रेंगने पर मजबूर है। श्रमिकों को आश्रय के मामले में महाराष्ट्र और नागपुर भी पीछे नहीं रहा है। लिहाजा यहां भी कम ही सही पर मजदूरों का पलायन जारी है। हमने मजदूरों के दर्द को करीब से जानने की कोशिश की। शहर की चारों दिशाओं में भ्रमण किया। मजदूर मिले। दर्द भी दिखा। लेकिन बयां कुछ और होता रहा।

Created On :   29 March 2020 7:46 PM IST

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