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खतरा बनी लेदरा खदान का भौतिक सत्यापन कराएगा जल संसाधन
डिजिटल डेस्क, सतना। मझगवां तहसील क्षेत्र के लेदरा में बेरहना बंाध के लिए खतरनाक हो चुकी जैतवारा के मेसर्स नियोगी एंड संस की १६.१९६ हेक्टेयर खदान का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। रीवा संभाग के जल संसाधन के अधीक्षण अभियंता आरएन सिंह ने बताया कि इस सिलसिले में मिली गंभीर शिकायतों के मद्देनजर
कार्यपालन अभियंता आरएन नट और मझगवां के एसडीओ प्रदीप पांडेय से स्थल निरीक्षण करते हुए इस आशय का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा कि क्या, लेदरा में संचालित लेटेराइट,ओकर और व्हाइट क्ले की खदान वास्तव में बेरहना बांध की २५० मीटर की सीमा के अंदर है? और , क्या खदान का मलबा बांध में जाने से रोकने के लिए खदान संचालक द्वारा समुचित प्रबंध किए गए हैं?
वर्ना दर्ज कराएंगे एफआईआर :---
रीवा संभाग के जल संसाधन के अधीक्षण अभियंता आरएन सिंह ने दो टूक स्पष्ट किया कि यदि भौतिक सत्यापन में खनन क्षेत्र बेरहना बांध की प्रतिबंधित २५० मीटर की परिधि में पाया गया तो मामले की गंभीरता के मद्देनजर संबंधित संचालक के विरुद्ध अपराध दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इससे पहले भी रिजर्व क्षेत्र में खनिज के अवैध उत्खनन की शिकायतें मिलने पर एफआईआर दर्ज कराते हुए दंडात्मक कार्यवाहियां कराई जा चुकी हैं।
गंभीर हैं आरोप :---------
आरोप हैं कि मझगवां तहसील क्षेत्र के सिलौरा पटवारी हल्के के लेदरा राजस्व पहाड़ (आराजी नंबर १४९/८८) पर १६.१९६ हेक्टेयर में लेटेराइट,ओकर और व्हाइट क्ले की खदान के लिए सिया को धोखे में रख कर अनुमति प्राप्त की गई थी। नियमों के तहत बांध जैसी किसी जल संरचना से २५० मीटर की परिधि के बाहर ही खदान के संचालन की स्वीकृति दी जा सकती है। मगर, इस खदान के मामले में ऐसा नहीं है। एमपी पीसीबी के अधिकारियों ने खदान स्वीकृति से अब तक कभी इस मामले में संचालक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है। इतना ही नहीं बांध के प्रतिबंधित क्षेत्र में जहां अवैध उत्खनन किया गया है,वहीं पहाड़ पर संचालित खदान का ढाल बांध की ओर होने के बाद भी मलबा रोकने के सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए गए हैं।
विगत माह एमपी पीसीबी ने भी आंख मूंद कर खदान संचालक को एयर एंड वॉटर कंसंट (जल एवं वायु संम्मति) की अनुमति भी दे दी है।
इनका कहना है:-
खनिज स्वीकृति की आड़ में बेरहना बंाध के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध उत्खनन की शिकायतें गंभीर हैं। कार्यपालन यंत्री और एसडीओ से स्थल निरीक्षण कराते हुए शिकायतों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा।
आरएन सिंह, अधीक्षण अंभियंता (जल संसाधन)
फैक्ट फाइल :----
बैरहना बांध
निर्माण : १९७८
कमांड एरिया: ४०६ हेक्टेयर
डूब क्षेत्र: ३९ हेक्टेयर
भंडारण क्षमता : ३.१७६ एमसीएम
अबकि भराव: मात्र १० फीसदी
लाभान्वित किसान : ६००
Created On :   11 Feb 2022 6:05 PM IST