कचरा संकलन एजेंसी ने ट्रांसफर सेंटर को बना दिया कलेक्शन सेंटर

Waste collection agency turned transfer center into collection center
कचरा संकलन एजेंसी ने ट्रांसफर सेंटर को बना दिया कलेक्शन सेंटर
कार्यप्रणाली कचरा संकलन एजेंसी ने ट्रांसफर सेंटर को बना दिया कलेक्शन सेंटर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कचरा संकलन एजेंसियां अपनी कार्यप्रणाली बदलने को तैयार नहीं है। अनुबंध में कुछ नई शर्तें डाली गई हैं, लेकिन कचरा संकलन एजेंसियों का काम करने का तरीका पुराना है। अनुबंध पर खरा नहीं उतने वाली एजेंसी के खिलाफ मनपा प्रशासन को जुर्माना लगाने का अधिकार है। प्रशासन की ढिलाई से एजेंसियां बेलगाम हो गई हैं। ट्रांसफर सेंटर को कलेक्शन सेंटर बना दिया है। बस्ती में छोटे वाहनों से संकलन किया जाने वाला कचरा बड़े वाहन में भरने के लिए ट्रांसफर सेंटर बनाए गए हैं। छोटे वाहन से सीधे बड़े वाहन में कचरा भरकर डंपिंग यार्ड ले जाने की शर्त है। जमीन पर कचरा गिराना मना है। शहर में 25 ट्रांसफर सेंटर हैं। कुछ सेंटर पर नियम का पालन हो रहा है। अनेक सेंटर पर पुराने तरीके से कचरा संकलन किया जा रहा है। नेहरू नगर जोन में श्याम बाग के पास ट्रांसफर सेंटर को कलेक्शन सेंटर बना दिया गया है। वहां से बड़े वाहन में भरकर डंपिंग यार्ड ले जाया जा रहा है। कचरे में ढेर में सुअर, मवेशियों का जमावड़ा लगा हुआ है।

इसलिए बनाए ट्रांसफर सेंटर

पहले शहर में 75 कचरा कलेक्शन सेंटर थे। बस्ती का कचरा वहां जमा किया जाता था। समय पर कचरा नहीं उठाने पर कचरे के ढेर लग जाते थे। सड़कों पर कचरा फैलकर शहर की सुंदरता को दाग लगा रही थी। नालियां कचरे से भर जाने पर जल निकासी प्रभावित हाेती थी। बारिश के दिनों में यह ज्यादा समस्या थी। कचरे के ढेर से गंदगी और बदबू निकलकर संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता था। शहर के नागरिकों को इन समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए कचरा कलेक्शन सेंटर बंद कर ट्रांसफर सेंटर बनाए गए।

बाजार से कम, घरों से ज्यादा निकल रहा कचरा

शहर का कचरा संकलन की जिम्मेदारी दो एजेंसियों को दी गई है। एजी एन्वायरो जोन क्रमांक 1 से 5 और बीवीजी एजेंसी जोन क्रमांक 6 से 10 का कचरा संकलन कर रही है। एजी एन्वायरों एजेंसी के कार्यक्षेत्र में रिहायशी बस्ती का प्रमाण ज्यादा है, जबकि बीवीजी एजेंसी के कार्यक्षेत्र में बाजार क्षेत्र ज्यादा है। एजी एन्वायरो का प्रतिदिन कचरा संकलन 722 टन और बीवीजी का कचरा संकलन 650 टन है। अमूमन रिहायशी क्षेत्र के मुकाबले बाजार क्षेत्र से ज्यादा कचरा निकलता है। बाजार क्षेत्र का कचरा संकलन करने वाली एजेंसी के मुकाबले रिहायशी क्षेत्र में ज्यादा कचरा संकलन होने से संबंधित एजेंसी शक के दायरे में है।

मिल रहीं  शिकायतें

संजय महाजन, सभापति, स्वास्थ्य समिति के मुताबिक कचरा संकलन एजेंसियों की लगातार शिकायतें आ रही हैं। अनुबंध के अनुसार काम करना जरूरी है। पालन नहीं करने पर संबंधित एजेंसी से जुर्माना वसूल किया जाएगा।


 

 

Created On :   10 Sept 2021 4:57 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story