कैदियों को दीर्घकालीन प्रशिक्षण देनेवाला राज्य का पहला जिला बना वर्धा

Wardha became the first district in the state to provide long-term training to prisoners
कैदियों को दीर्घकालीन प्रशिक्षण देनेवाला राज्य का पहला जिला बना वर्धा
उपलब्धि कैदियों को दीर्घकालीन प्रशिक्षण देनेवाला राज्य का पहला जिला बना वर्धा

डिजिटल डेस्क, वर्धा. कारागृह में विविध अपराधों लिप्त कैदियों को रखा जाता है। यहां कुछ कैदी सजायाफ्ता होते हैं तथा कुछ अंडर ट्रायल होते हैं। सजा समाप्ति के पश्चात यह कैदी जेल से बाहर आकर आत्मसम्मान के साथ जी सकें और उन्हें उनके हक का रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्धा जिला कारागृह के कारीब 130 कैदियों को तीन माह के दीर्घ अवधि का कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया। इतने बड़े पैमाने पर दीर्घ अवधि का प्रशिक्षण देने वाला वर्धा राज्य का पहला जिला बन गया है। तत्कालीन जिलाधिकारी की पहल से न्यूनतन कौशल विकास कार्यक्रम अंतर्गत नावीण्यपूर्ण योजना से यह अनोखा उपक्रम चलाया गया। इन सभी कैदियों का प्रशिक्षण पूर्ण होकर जिलाधिकारी राहुल कर्डिले के हाथों कारागृह में ही कैदी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र का वितरण किया गया। इस समय जिलाधिकारी सहित जिला कारागार अधीक्षक सुहास पवार, जिला कौशल विकास रोजगार व उद्योजकता मार्गदर्शन केंद्र के सहायक नीता औघड़ आदि उपस्थित थे। 

कैदियों को दिए गए प्रशिक्षण में डेटा एन्ट्री ऑपरेटर, सेल्फ एम्प्लॉइड टेलर, बेसिक आर्क वेल्डिंग, इलेक्ट्रिशियन इन चार प्रकार के प्रशिक्षण का समावेश है। यह प्रशिक्षण कौशल विकास विभाग व औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था की ओर से दिया गया। कैदियों को प्रशिक्षण आसानी के साथ दिया जा सके इसके लिए कारागार में ही कौशल विकास केंद्र शुरू किया गया था। यहां विशेषज्ञों ने प्रत्यक्ष उपस्थित रहकर कैदियों को प्रशिक्षण का लाभ दिया। इतने बड़े पैमाने पर दीर्घ अवधि का प्रशिक्षण देने वाला वर्धा यह राज्य में पहला बना है। 

इस समय जिलाधिकारी राहुल कर्डिले ने कहा कि कारागृह में यह प्रशिक्षण आगे भी शुरू रहेगा। इस प्रशिक्षण का राष्ट्रीय स्तर के स्कॉच ग्रुप ने गौर किया है। इस प्रकल्प को सेमी फायनलिस्ट का प्रमाणपत्र भी प्राप्त हुआ है। 

प्रस्तावना रखते हुए सहायक आयुक्त नीता औघड ने किया। उन्होने इस समय कौशल्य विकास विभाग की विविध योजनाओं की जानकारी दी। कारागृह अधीक्षक पवार ने भी अपने मनोगत व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन रूपेश रामगडे ने किया। आभार  रूपसिंह ठाकुर ने माना। इस समय प्लेटिनम इंस्टीट्यूट के अजित नेरकर आदि कैदी उपस्थित थे।

Created On :   11 Nov 2022 7:55 PM IST

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