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बांध निर्माण के विरोध में ग्रामीणों ने दिया धरना
डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। करंजिया पंंचायत के ग्राम बिठ्लदेह में तैयार होने वाले बांध को लेकर गुरुवार को 11 ग्रामों के वाशिंदों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जहां धरना प्रदर्शन किया वहीं उन्होंने रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों का कहना है कि बांध निर्माण के नाम पर यहां ना तो ग्रामीणों से कोई सलाह मशविरा विभाग के अधिकारियों के द्वारा की गई और ना ही उन्हें किसी भी तरह से सर्वे की कोई जानकारी दी गई। यहां बांध निर्माण को लेकर ऐसे हालात निर्मित कर दिए गए और जब ग्रामीणों को सूचना लगी तो वहां कार्य प्रारंभ कराए जाने के प्रयास किए जा रहे थे। इस दौरान जो मेप सामने आया उसमें करंजिया और डिण्डौरी विकासखंढ के अनेक ग्रामों में किसानों की उपजाऊ जमीन डूब में आ रही थी जिसे लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश रहा है और वे अब किसी भी कीमत पर वहां बांध का निर्माण नहीं होने देंगे और ना ही अधिकारियों को स्थल का निरीक्षण करने देंगे। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि बांध निर्माण को लेकर सर्वे के नाम पर लाखों रूपए खर्च किए गए है और यह राशि पानी में बहा दी गई है, इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि बिना किसी सर्वे के बांध आदि का निर्माण कार्य किया जाना कितना उचित है। यहां अधिकारियों की लापरवाही पर कार्रवाई की जाना चाहिए।
निजी भूमि पर बनाई गई योजना
बि_देह बांध की योजना वर्ष अगस्त 2016 में तैयार की गई थी। जहां करंजिया विकासखण्ड की 780 हेक्टेयर निजी भूमि जिसका एमसीएम 50 था और डिण्डौरी पंचायत की 880 हेक्टेयर भूमि जिसका एमसीएम 80 था को गूगल मैप प्लान के आधार पर तैयार किया गया। यहां बहारपुर रैयत 17.87 हेक्टेयर जमीन डूब में आएगी। इसके अलावा मनकी रैयत की 44.19 हेक्टेयर, बि_देह की 45.17 हेक्टेयर, बि_देह रैयत की 61.32 हेक्टेयर, जाड़ासुरंग की 57.10 हेक्टेयर, जाड़ासुरंग रैयत की 54 हेक्टेयर, चुरचुरी माल की 54 हेक्टेयर, जुगदेही की 77 हेक्टेयर, चुरचुरी रैयत की 112 हेक्टेयर, सड़वाछापर की 127 हेक्टेयर तथा झाकी की 215 हेक्टेयर जमीन डूब में आ रही है।
बस स्टेण्ड परिसर में हुई सभा
बि_देह बांध योजना को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों की सभा मुख्य बस स्टेण्ड परिसर में आयोजित हुई जहां ग्रामीणों ने सभा के दौरान अपने आक्रोश को व्यक्त करते हुए कहा कि यहां पर सरकारी रिकार्ड में भी ऐसे दस्तावेज मौजूद नहीं है। जिसमें बनाए जाने वाले बांध की डेफ्थ और ऊंचाई, लंबाई, चौड़ाई की जानकारी दी जा सके। पूर्व में अपर नर्मदा योजना के तहत भी सामने आया था। जहां 437 करोड़ रूपए की योजना किसानों के आंदोलन के चलते लेप्स हो चुकी है और अब यही हालात बि_देह बांध को लेकर सामने आ रहे है। ग्रामीणों ने कहा कि यहां योजनाओं के नाम पर भ्रष्ट अधिकारियों ने शासन को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया है जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए।
Created On :   5 Jan 2018 4:15 PM IST