फैसला: नाबालिग के दुष्कर्मी को 20 साल का सश्रम कारावास

Verdict: 20 years of rigorous imprisonment for a minor misdemeanor
फैसला: नाबालिग के दुष्कर्मी को 20 साल का सश्रम कारावास
फैसला: नाबालिग के दुष्कर्मी को 20 साल का सश्रम कारावास


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।  नाबालिग बालिका के साथ किए गए दुष्कर्म के अपराध के एक मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट श्रीमती संध्या मनोज श्रीवास्तव ने आरोपी को दोषी पाए हैं और उसे अधिकतम 20 वर्ष के सश्रम कारावास और 16 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। घटना कुंडीपुरा थाना क्षेत्र में 15 अगस्त 2019 को घटित हुई। आरोपी राम उर्फ अमित मर्सकोले उम्र 21 वर्ष ने एक 14 वर्षीय नाबालिग बालिका को पहचान होने का फायदा उठाकर शादी कर लेने का प्रलोभन दिया और अपने साथ अपने गांव इसरा उमरिया लेकर चला गया। आरोपी ने अपने घर में रखकर पीडि़ता के साथ लगभग एक माह तक दुष्कर्म किया। पीडि़ता के परिजनों ने उसकी तलाश के दौरान आरोपी के घर से उसे बरामद किया। पीडि़ता की गुमशुदगी की शिकायत पहले से दर्ज थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर प्रकरण सुनवाई हेतु न्यायालय ने प्रस्तुत किया था। जहां अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता दिनेश कुमार उईके ने पैरवी की।
दो धाराओं में अलग-अलग 20 साल का कारावास-
विशेष अपर सत्र न्यायालय ने आरोपी को अपराध का दोषी पाते हुए धारा 366 (ए) आईपीसी में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 जुर्माना, धारा  376 (3) आईपीसी में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000 रुपए जुर्माना एवं धारा 3, 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। दोनों धाराओं के तहत अलग-अलग दी गई 20-20 वर्ष के कारावास की सजा एक साथ आरोपी को भुगतनी पड़ेगी।

Created On :   4 March 2021 2:57 PM IST

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