भक्ति के रंग में रंगा वैद्यनाथ परली मंदिर, आया बाबा का त्यौहार आया...भोले बाबा का त्यौहार आया

Vaidyanath Parli temple painted in the color of devotion, came Babas festival
भक्ति के रंग में रंगा वैद्यनाथ परली मंदिर, आया बाबा का त्यौहार आया...भोले बाबा का त्यौहार आया
महाशिवरात्रि भक्ति के रंग में रंगा वैद्यनाथ परली मंदिर, आया बाबा का त्यौहार आया...भोले बाबा का त्यौहार आया

डिजिटल डेस्क, बीड़। आया बाबा का त्यौहार आया...भोले बाबा का त्यौहार आया। हर तरफ बम-बम भोले के नारे, मंदिरों में पूजन करते लोग, यही कामना कर रहे हैं कि भोले सभी के भंडार भरे रखना। खास तौर से बाराह ज्योतिर्लिंग में एक में वैद्यनाथ परली भक्ति रंग में रंगा है। वैद्यनाथ परली मंदिर समिति के सचिव राजेसाहब देशमू ने बताया कि भक्तों की सुरक्षा के लिए परिसर में 84 कैमरे लगाए गए हैं। कोरोना के नियमो के तहत ही प्रवेश दिया जा रहा है।

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देवगिरी के यादव राजे रामचंद्र इनके प्रधान हेमाद्रिपंत ने 12वीं शताब्दी में मंदिर का निर्माण किया। सोनपेट तहसील से डिघोल गांव में त्रिशुला देवी परिसर की पहाड़ी खोदकर काला पाषाण पत्थर निकाला गया था। जिसका मंदीर निर्माण के लिए इस्तेमाल किया गया था। होलकर परिवार और जिले की पुत्री पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर ने सन 1699 में मंदिर का जिर्णोध्दार किया। सन 1706 में मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। फिर पूर्वघाट, उत्तर घाट का निर्माण किया। इस घटना की याद के लिए शिल्पकार एसबी परदेशी ने अपनी मेहनत से मंदिर परिसर के दिपमाल के सामने ब्रान्ज की प्रतिमा 7 मार्च 1986 को स्थापित की थी।

File:Parli Vaijnath Temple in AP W IMG 7914.jpg - Wikimedia Commons

लकड़ी का मंडप परली के रामराव शिवाजी उर्फ नानासाहब देशपांडे के मार्गदर्शन पर वर्गनी से निर्माण कराया गया। प्रभु वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग समिति की स्थापना 1820 साल में हुई। समिति के पहले सचिव इटालियन व्यापारी गुस्टाओ ऊल्सी थे । 

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खास बात है कि वैद्यनाथ परली मंदिर में तीन नंदी दिखाई देते हैं । सुबह वृषभ, दोपहर चंड और रात के समय चैव नामक नंदियों की अपनी मान्यता है। इस परली वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग तीर्थक्षेत्र में विभिन्न मंदिर है।

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Created On :   1 March 2022 8:36 AM GMT

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