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जमीन की नमी को बरकरार रखने फसल प्रणाली का इस्तेमाल करें- कुलगुरू
डिजिटल डेस्क, अकोला. सोयबीन फसल का उत्पादन बढने तथा जमीन की नमी को बरकरार रखने के लिए किसान विविध फसल प्रणाली का इस्तेमाल करें। ऐसी अपील पीकेवी के संशोधनर संचालक डा विलास खर्च ने अमरावती में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। कृषि संजीवननी सप्ताह के अवसर पर डा पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के संशोधान संचालक डा विलास खर्चे , भारतीय सोयाबीन संशोधन संस्था इंदौरा की डा नीता खांडेकर अमरावती जिले के तहतसील गोपालपुर व पिंपरी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।त्र जिसमें उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में शामिली होने के पूर्व डा नीता खांडेकर ने अमरावती पीकेवी के संशोधन केंद्र में औचक भेंट दी। जहां पर डा सतीश निचल ने उन्हें दोनों अधिकारियों को शाल, श्रीफल देकर सत्कार किया। जिसके बाद उन्होंने केंद्र में सोयाबीन पैदावर व केंद्र की जानकारी देते हुए केंद्र में सोयाबीन की वर्तमान स्थिति केंद्र की भविष्य में योजनाओं की जानकारी दी। इस केंद्र की प्रमुख उपलब्धी में विदर्भ के किसानों में प्रसारित की गई सोयाबीन के नए चार प्रकार की जानकारी व उनके गुण वैशिष्ठ की जानकारी दी। इसके अलावा राज्य स्तर पर प्रसारित हुए सुवर्ण सोया, पीडीकेवी पूर्वा तथा कम समय में किसानों के बीच लोकप्रिय हुए पीडीकेवी आम इस वाण का उल्लेख किया। यह वाण कम समय में महाराष्ट्र के अलावा मध्य भारत में भी लोकप्रिय हो जायेगा। इसकी संभावना जताई। विदर्भ के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए तथा संशोधन के काम में गति लाने के केंद्र को लगने वाली आवश्यक सामग्री की मांग भी निर्देशक के समक्ष की गई।
Created On :   26 Jun 2022 2:32 PM IST