नोटा न होता तो दमोह में बच जाती मलैया जी की साख

Upset voters voted in the nota, they are not satisfied with the government
नोटा न होता तो दमोह में बच जाती मलैया जी की साख
नोटा न होता तो दमोह में बच जाती मलैया जी की साख

डिजिटल डेस्क, दमोह। सरकार एवं सभी प्रत्याशियों से निराश मतदाताओं ने नोटा में मतदान किया। यदि ये मत नोटा में नहीं जाते तो थोड़ी सी और मेहनत के साथ दमोह में जयंत मलैया की साख बचाई जा सकती थी। सभी जानते हैं कि नोटा  में मतदान करने वाले मतदाताओं ने पूरी सोच समझ के साथ मतदान किया सरकार तथा प्रत्याशियों तक यह संदेश पहुुंचाने का प्रयास किया है कि वह उनकी नीति रीति से संतुष्ट नहीं हैं। दमोह विधानसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी हार जीत के समीकरण में जुटे हुए हैं। यहां इस समीकरण में नोटा फैक्टर पर भी चर्चा है, जिसने 4 विधानसभा सीटों पर 7358 मत बटोरे दमोह में नोटा द्वारा बटोरे गए मत की वजह से हार जीत तय हुई जहां कांग्रेस प्रत्याशी ने 797 मतों से चुनाव जीत लिया नोटा का ग्राफ बढ़ने की वजह  बहुत हद तक एट्रोसिटी एक्ट को भी माना जा रहा है।

चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश की सभी विधानसभा क्षेत्रों के आंकड़े मतगणना संपन्न होने के बाद ही जारी कर दिए गए थे प्रदेश में तो नोटा का प्रतिशत बड़ा ही है जिले की चारों विधानसभा सीटों पर भी इसके पक्ष में जाने वाले मतदाताओं की संख्या बढ़ी है आंकड़ों के अनुसार नोटा को चारों विधानसभा सीटों पर 7358 वोट मतदाताओं ने डाले हैं सबसे अधिक नोटा पर वोट हटा विधानसभा में पड़े हैं जहां 3327 के आंकड़े पर यह है इसके बाद दमोह विधानसभा में 1299 पथरिया में 468 एवं जबेरा में 2264 की संख्या ऐसे मतदाताओं की रही जिन्होंने किसी राजनीतिक दल के प्रत्याशी पर भरोसा नहीं जताया। सुरक्षित सीट हटा पर सबसे ज्यादा 3327 मत नोटा में पड़े यह भी माना जा रहा है कि इस बार चुनाव में ऐसे मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में बटन दबाया है जो एरट्रोसिटी एक्ट के विरोध में सत्ता पक्ष भाजपा से नाराज थे यदि यह मानना सही है तो इसका खामियाजा दमोह में भाजपा को उठाना पड़ा यहां भाजपा के वरिष्ठ मंत्री जयंत मलैया अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के राहुल सिंह से 768 मतों से पराजित हो गए यदि नोटा पर पड़ी वोट भाजपा को मिलती तो जिले की सीटों से कांग्रेस का सफाया हो जाता।

कई दलों और निर्दलीय को भी पछाड़ा
नोटा से जीत हार का अंतर तो प्रभावित हुआ ही है भाजपा कांग्रेश और बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर कुछ अन्य राजनीतिक दलों और निर्दलीय को भी इसने पछाड़ दिया प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पथरिया विधानसभा में 21 प्रत्याशियों की लड़ाई में नोटा 20वें स्थान पर रहा यही स्थिति दमोह विधानसभा में रही जहां 14 प्रत्याशियों की लड़ाई में नोटा सातवें स्थान पर रहा जबेरा में 13 प्रत्याशियों की लड़ाई में नोटा नौवें स्थान पर तथा हटा विधानसभा में 7 प्रत्याशियों की लड़ाई में छठवें स्थान पर रहा यह तो जिले का आंकड़ा है।

 

Created On :   14 Dec 2018 1:08 PM IST

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