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डीबीएल निगाही में रोजगार की अनिश्चितता, कर्मियोंं ने ठप किया काम
-बीती रात से गुरूवार की तीनों शिफ्ट में नहीं शुरू काम, 100 लोगों के स्थानांतरण पर रोष
-बाहरी लोगों स्थानांतरण और सिंगरौली के लोगों को सेवामुक्त करने का विरोध जारी
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (निगाही)। बारूद की कमी का ठीकरा एनसीएल पर फोड़कर दिलीप बिल्डिकॉन कर्मचारियों का स्थानांतरण और छंटनी की मंशा जानकर कर्मियों में उबाल आ गया है। बुधवार की नाइट शिफ्ट से गुरूवार को भी कर्मचारियों ने तीनों शिफ्टों में काम बंद रखा और निगाही खदान की टाइम आफिस पर कर्मचारियों की छंटनी का विरोध देर शाम तक जारी रहा। कर्मचारियों की मांग है कि खैरागोड़ा आंध्र प्रदेश से लाए गये कर्मचारियों को कहीं न भेजा जाय और सिंगरौली वासियों की छंटनी नहीं की जाय। कंपनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीबीएल ने अपनी दूसरी साइट से लाए गये 100 कर्मचारियों को स्थानांतरण करने की तैयारी कर ली थी। उसके बाद एक अन्य सूची बना कर 100 से अधिक लोगों की छंटनी करने का इरादा जताया था। जिसमें कई सिंगरौली जिले के लोग भी शामिल थे। इसकी जानकारी होते ही कर्मचारी लामबंद हो गये और स्थानांतरण व छंटनी का विरोध करने लगे। गुरूवार की दोपहर मामले को लेकर मोरवा, नवानगर थाने से पुलिस बल, डीबीएल के निगाही जीएम समीरकांति घोष, जयंत से डीबीएल के मयूर तिवारी और अन्य अधिकारी कर्मचारियों को समझाइश देते रहे। उन्होंने एनसीएल द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे बारूद की जानकारी देते हुए कहाकि यदि विस्फोटक उपलब्ध नहीं होगा तो मैन पावर को रख पाना कैसे संभव होगा फिर कम्पनी जिले के लोगों की न तो छंटनी करेगी और न ही उन्हें स्थानांतरित किया जायेगा। लेकिन बाहर से आये कर्मचारियों का समर्थन करते हुए उन्हें भी बाहर नहीं किये जाने की मांग की जाने लगी। जिस पर प्रबंधन और कर्मचारी अभी तक आमने सामने बने हुए हैं और कामकाज ठप हो गया है।
26 हाजिरी पर भी नहीं माने
डीबीएल कम्पनी में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रलोभन दिया गया कि सिंगरौली जिले के लोगों को बारूद नहीं मिलने पर भी 26 हाजिरी का भुगतान किया जायेगा। साथ ही सूची से जिले के कर्मचारियों को हटाने का भी हवाला दिया गया। लेकिन कर्मचारियों ने पूरे महीने की हाजिरी दिये जाने और स्थानांतरण या छंटनी का जमकर विरोध किया गया। बताया जा रहा है कि कंपनी बारूद की कमी का हवाला देकर धीरे-धीरे कर्मचारियों को कम करने की मंशा रखती है, जो आने वाले दिनों में कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है।
ब्लास्टिंग के लिए चाहिए 120 टन बारूद प्रतिदिन
जानकारी के मुताबक ओबी ब्लास्ट करने के लिए कंपनी को प्रतिदिन 120 टन एक्सप्लोसिव चाहिए। कर्मियों ने बताया कि कंपनी का कहना है कि उसे प्रतिदिन निर्धारित मात्रा से काफी कम बारूद मिल रहा है कभी 20 तो कभी 30 टन इससे अधिक बारूद नही मिल पाने से ओबी उत्खनन का टारगेट पिछड़ रहा है। कम्पनी पर एनसीएल के द्वारा आश्वस्त किये जाने का कोई असर नही हुआ है। कंपनी उच्च प्रबंधन के निर्देशों को अमल करने के लिए जोड़तोड़ की नीति अपना रही है।
जिला प्रशासन को लिखे गये पत्र से उपजा असंतोष
कर्मियों में उपजे असंतोष को लेकर कम्पनी के द्वारा जिला प्रशासन को लिखे गये पत्र से बताया जा रहा है। कर्मियों का कहना है कि स्थितियां एक जैसी नहीं रहेगी, एनसीएल को भी शर्तों के अनुसार बारूद उपलब्ध कराने की बाध्यता है तो दूसरी तरफ कर्मियों को निकालकर पुन: बुलाने पर भी संशय है। कहा यह भी जा रहा है कि ऐसा कौन से कर्मचारी होगा जो कुछ दिन के लिए ही सही लेकिन अनावश्यक रेस्ट चाहता हो वह भी अनिश्चित काल तक। अपने अपने जॉब की चिंता को लेकर ओबी कंपनी के कर्मचारी छंटनी अथवा स्थानांतरण का विरोध कर रहे हैं।
Created On :   5 Feb 2021 5:45 PM IST