आधी रात को बरसाई गोलियां, ढाबा मालिक घायल, दोनों पत्नियों की मौत

Two women shot dead and husband serious injured at satna
आधी रात को बरसाई गोलियां, ढाबा मालिक घायल, दोनों पत्नियों की मौत
आधी रात को बरसाई गोलियां, ढाबा मालिक घायल, दोनों पत्नियों की मौत

डिजिटल डेस्क,सतना। नागौद थाना अंतर्गत सितपुरा-बम्हौर में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 75 के किनारे संचालित बाबा ढाबा रात के सन्नाटे में गोलियों की तड़-तड़ाहट से गूंज उठा। इस शूटआउट में जहां ढाबा संचालक गंभीर रूप से घायल हो गया वहीं  उसकी दोनों पत्नियां  हमलावरों की गोलियों का निशाना बन कर मौत के मुह में समा गयीं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक  52 वर्षीय अंगद प्रसाद जोशी पुत्र सूरज दीन विगत 25 वर्षों से  खदान टोला  में ढाबा  चला रहा था। कुछ दूर पर उसका घर भी था। ढाबे में अंगद के साथ उसकी दोनों पत्नियां चंपा 49 वर्ष और  माया 45 वर्ष भी रहती थी। हमेशा की तरह  गुरुवार रात को भी खाना खाने के बाद  अधेड़  ढाबा के  बाहर रखे तखत पर बिस्तर डालकर सो गया जबकि दोनों महिलाएं अंदर कमरे में लेट गई।

तकरीबन ढाई बजे  पल्सर मोटरसाइकिल से  तीन युवक वहां पहुंचे  और उन्होंने कट्टे से अंगद पर फायर कर दिया जिससे वह घायल हो गया । इस हमले से  घबराया अंगद  शोर मचाते हुए घर की तरफ भागा  तो उसकी आवाज सुनकर  चंदा और माया  कमरे से निकल आई । यह देख कर  हमलावरों ने ताबड़तोड़  फायरिंग कर दी जिससे दरवाजे के पास तक पहुंच पाई  चंदा गले में गोली लगने से वहीं ढेर हो गई  ,जबकि माया  ने जान बचाने के लिए दौड़ लगा दी,पर हत्यारों ने खदेड़ कर शनि मंदिर के पास उसे तीन गोलियां मार दीं जिससे वह मौके पर ही ढेर हो गई। उसके गले,पेट और पसली में गोलियां लगी थी। उधर जान बचाकर भागे  अंगद ने  किसी तरह  अपने निवासी साले छोटेलाल  को फोन  पर घटना की जानकारी दी।  वह निजी वाहन से  आनन-फानन बम्हौर के लिए रवाना हो गया।  करीब साढे तीन बजे  साला  मौके पर आया और  जीजा को गंभीर हालत में  जिला अस्पताल ले आया उसी ने  डायल हंड्रेड पर खबर दी तो नागौद पुलिस  घटनास्थल पर आ गई ।

सगी बहने थी चंदा और माया 
चंदा और माया सगी बहने थी अंगद की पहली शादी चंदा के साथ हुई थी लेकिन कई वर्षों तक उसे बच्चे नहीं हुए तब परिवार की सहमति से ढाबा संचालक ने पत्नी की छोटी बहन माया से विवाह कर लिया।  जिससे दो बेटे बाल्मीकि 21 वर्ष और वीरभद्र 14 वर्ष हैं। दोनों बच्चे घटना के समय घर पर सो रहे थे, हमलावरों के इरादे को देखते हुए पूरी संभावना थी कि यदि बच्चे ढाबे पर होते तो उनकी भी जान जा सकती थी।

ढाबा के पीछे की जमीन का विवाद

अंगद के भाइयों के मुताबिक यह घटना ढाबे के पीछे स्थित सरकारी खदान से लगी जमीन को लेकर अंजाम दी गई है। उस जमीन पर दावा कर रहे सतना के लोग आए दिन अंगद पर दबाव बना रहे थे ताकि वह ढाबा छोड़कर चला जाए और वे लोग खदान को पाटकर समतल कर सकें, कुछ हिस्सा तो बराबर भी कर चुके थे । ढाबा हट जाने से पूरी जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग से लग जाएगी ,जिससे कीमत कई गुना  बढ़ जाएगी ,परंतु अंगद किसी कीमत पर हटने को तैयार नहीं हो रहा था ।इसके चलते कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित हो चुकी थी।
 

Created On :   7 Jun 2019 2:39 PM IST

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