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एसडीएम पद को लेकर भिड़े दो अफसर, एक ने चार्ज लिया दूसरा हाईकोर्ट से स्टे ले आया
डिजिटल डेस्क,छतरपुर। प्रदेश सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे स्थानांतरण से भ्रम की स्थिति विभागों और सरकारी ऑफिसों में बनने लगी है। छतरपुर एसडीएम का पद भी तबादला के फेर में फंस गया है। शासन द्वारा करीब दो माह पहले ही पदस्थ किए गए एसडीएम अनिल सपकाले का करीब 15 दिन पहले सागर के लिए स्थानांतरण कर दिया गया था। इधर पन्ना में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर डीपी द्विवेदी का स्थानांतरण छतरपुर कर दिया गया। अनिल सपकाले चूंकि दो माह पहले ही छतरपुर स्थानांतरित होकर आए थे, इस आधार पर हाईकोर्ट ने उन्हें स्टे भी दे दिया है। इस बीच पन्ना से स्थानांतरित संयुक्त कलेक्टर डीपी द्विवेदी को छतरपुर एसडीएम नियुक्त कर दिया गया। उधर सपकाले अपना स्टे आर्डर लेकर छतरपुर आए। इस पर विवाद की स्थिति बन गई। यह स्थिति और भी विवादित उस समय हो गई जब छतरपुर एसडीएम आफिस में दो-दो एसडीएम काम करने पहुंचे। यहां अनिल सपकाले ने एक नोटिस बनाया और ऑफिस बाहर चस्पा करा दिया। इस नोटिस में इन्होंने लिखा कि वे कोर्ट आदेश के बाद छतरपुर एसडीएम हैं। उनके आदेश की अगर कोई भी अधीनस्थ कर्मचारी- अधिकारी अवहेलना करेगा तो इसे शासन की अवहेलना माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस नोटिस को कुछ देर बाद फाड़ दिया गया। नोटिस फाड़ा जाना भी चर्चा का विषय बना रहा।
सोशल मीडिया में भी हुआ विवाद
छतरपुर सदर एसडीएम पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों की पदस्थापना के बाद सोमवार को सोशल मीडिया पर बवाल मचना शुरू हो गया। वाट्सएप के एक ग्रुप में सबसे पहले एसडीएम डीपी द्विवेदी को जोड़ा गया। इसके कुछ घंटे बाद ही एसडीएम अनिल सपकाले को इस ग्रुप में जोड़ दिया गया। इसके बाद इसके बाद इस ग्रुप में शामिल सदस्यों ने धीरे-धीरे दोनों एसडीएम के पक्ष और विपक्ष में कमेंट लिखना शुरू कर दिए। देखते ही देखते अनिल सपकाले ने भी इसमें कमेंट लिखना शुरू कर दिए। इसके बाद अनिल सपकाले द्वारा निकाले गए नोटिस की प्रति भी इस ग्रुप में डाल दी गई। इससे सोशल मीडिया में दोनों एसडीएम के कार्यकाल की समीक्षा होना शुरू हो गई।
एसडीएम कार्यालय में काम प्रभावित
सोमवार को एसडीएम कार्यालय में भी पूरे दिन विवाद की स्थिति बनी रही। यहां डीपी द्विवेदी पहले से चार्ज ले चुके हैं, इस कारण वे सोमवार को कार्य करने पहुंचे। इधर हाईकोर्ट से स्टे लेकर आए अनिल सपकाले भी आफिस पहुंचे। सपकाले को महसूस हुआ कि उनके अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी हाईकोर्ट के स्टे के बाद भी उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे हैं। इस कारण उन्होंने दोपहर करीब 12 बजे एक नोटिस आफिस के बाहर चस्पा कर दिया। इस नोटिस में अनिल सपकाले ने लिखा कि वे हाईकोर्ट के आदेश पर एसडीएम हैं। अगर कोई भी अधिकारी-कर्मचारी आदेश की अवहेलना करेगा तो इसे शासन की अवहेलना माना जाएगा। इस नोटिस को न केवल तहसील के अधिकारी-कर्मचारियों ने पढ़ा बल्कि वकील और वहां पहुंचे पक्षकार, किसान भी नोटिस को पढ़कर चर्चा करते रहे। इस दौरान किसी शरारती तत्व द्वारा एसडीएम के इस नोटिस को फाड़ दिया गया, जिसे दूसरे एसडीएम के किसी समर्थक द्वारा फाड़े जाने से जोड़कर भी देखा गया।
इनका कहना है
अभी मामला मेरे संज्ञान में आया है। पूरे मामले की विधि सम्मत जानकारी लेकर आज ही इसका निराकरण करूंगा, ताकि भ्रम की स्थिति दूर हो सके। मोहित बुंदस, कलेक्टर छतरपुर
Created On :   20 Aug 2019 1:01 PM IST