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भूकंप से कांपा दमुआ, नागरिकों में दहशत, रिएक्टर पैमाने पर 2.8 मापी गई तीव्रता
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/दमुआ/जुन्नारदेव। वेकोलि कन्हान क्षेत्र के दमुआ नगर और आसपास की बसाहटों में बुधवार की सुबह 8.29 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए। नागरिकों के अनुसार भूकंप का प्रभाव महज 20 से 25 सेकंड तक ही रहा। भू वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 2.8 मापी गई। इससे क्षेत्र में किसी भी तरह की जन धन हानि नहीं हुई, लेकिन दहशत के कारण लोग दिन में अधिकांश समय घर से बाहर रहे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह 8.29 बजे कुछ घरों में छत पर लटके सीलिंग फैन अचानक हिल उठे। भूकम्प की जानकारी रखने वाले नागरिक मकानों से परिवार सहित बाहर निकले। दमुआ माइनस क्षेत्र के एक मकान के फर्श में बारीक दरारें उभरी नजर आ रही हैं। भूकंप का असर घोरावाड़ी, दमुआ, हिरदागढ़ नवेगांव सहित आसपास के गांवों में भी रहा।
भूगर्भीय हलचल का खदानों में असर नहीं
कन्हान क्षेत्र में वेकोलि में भूमिगत और ओपन कास्ट खदानें भी संचालित हैं। वेकोलि अधिकारी ने बताया कि कोयला खदानों में पूरी सुरक्षा के साथ कार्य किया जाता है। खदान से कोयला निकालने के लिए निरंतर ब्लास्टिंग होती है। सामान्य भूगर्भीय हलचल का खदानों पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं होता है।
2.8 तीव्रता का भूकंप सामान्य हलचल
शासकीय कॉलेज में पदस्थ भूगोल विषय की डॉ. संगीता वाशिंगटन ने बताया कि भूगर्भ में होने वाली हलचल और कंपन का असर भूपटल पर होता है। इसे भूकंप कहते है। रिएक्टर पैमाने पर 3.0 और उससे कम सामान्य प्रक्रिया है। यदि रिएक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.0 या उससे अधिक है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दमुआ में जो भूकंप के हल्के झटके आए हैं, यह सामान्य हलचल है।
प्रशासन में कोई हलचल नहीं
दमुआ क्षेत्र में आए भूकंप को लेकर स्थानीय प्रशासन में कोई हलचल नजर नहीं आई। एसडीएम मधुवंत राव धुर्वे का कहना है कि वे अधिकृत तौर पर इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते। दमुआ तहसील के राजस्व अधिकारियों के मोबाइल भी दिन भर बंद रहे।
गोविलगढ़ फाल्ट में शामिल छिंदवाड़ा
साइंस कॉलेज पचमढ़ी के से. प्रोफेसर विजय खन्ना ने बताया कि छिंदवाड़ा जिला गोविलगढ़ फाल्ट में शामिल है। इस कारण छिंदवाड़ा के कोपाखेड़ा में 6 जनवरी 1987 को पहली बार 4.5 और 18 अप्रैल 1987 को 4.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। यह 250 किमी लंबा क्षेत्र है। इस क्षेत्र में गर्म पानी के झरने है, जो फाल्ट के समानांतर है। ये झरने भूगर्भीय हलचल के प्रतीक हैं।
कोपाखेड़ा में संवेदनशील केंद्र
बीते सालों में अमरवाड़ा विकासखंड के कोपाखेड़ा गांव में तीन बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इस गांव को भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील माना गया है। समीपस्थ जिला सिवनी में भी कुछ साल पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नर्मदा कछार में शामिल छिंदवाड़ा के कुछ हिस्से भूगर्भीय हलचल का केंद्र बन गए हैं।
इनका कहना है....
सुबह लगभग 8.29 बजे जमीन में कंपन की तरह महसूस हुआ। उस समय मैं और मेरा परिवार घर में मौजूद था। हम कुछ समझ पाते उसके पहले ही सब सामान्य हो गया।
-सोनू धोटे निवासी माइनस
सुबह मैं घर के सोफे पर बैठा था। सुबह 8.29 बजे सोफा मेें कंपन हुआ। जिसके बाद घर की सीट हिलने लगी मुझे भूकंप का आभास हुआ तो बच्चे और हम घर के बाहर निकल गए।
-जसवंत सिंह निवासी माइनस
मैं सुबह घर में लेटा हुआ था। मुझे धरती में कंपन सा लगा और ऐसा लगा कि जैसे छत हिल रही है। मैं सीधे घर के बाहर निकला। आसपास के लोगों से चर्चा की तो पता चला कि भूकंप का झटका आया था।
-अनिल साहू निवासी वार्ड 11
मंैने बुधवार सुबह घर में भूकंप का हल्का झटका महसूस किया। मैं डर सा गया था, जब तक मैं घर वालों को बाहर निकलने के लिए कहता तब तक सब कुछ सामान्य हो गया।
-सोनू डेहरिया, दमुआ
बुधवार की सुबह मैं घर में सो रहा था, सुबह 8.30 बजे के आसपास मुझे जमीन में कुछ कंपन सा महसूस हुआ। अचानक उठा तब तक कंपन बंद हो गया था। दिन भर लोग भूकंप को लेकर चर्चा करते रहे।
-सतीश शिवहरे, निवासी वार्ड 11 दमुआ
इनका कहना है
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र दिल्ली से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को जुन्नारदेव विकासखंड के एक हिस्से में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र 22.1 डिग्री उत्तर और 78.6 डिग्री पश्चिम में रिकार्ड किया गया। रिपोर्ट के अनुसार धरातल से लगभग 20 किलोमीटर भूगर्भीय हलचल हुई है। जिसकी तीव्रता 2.8 मापी गई। भू वैज्ञानिकों ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया है।
-डॉ. विजय पराडकर, वैज्ञानिक, मौसम विज्ञान केंद्र चंदनगांव
Created On :   10 March 2021 10:36 PM IST