अस्पतालों से अलग घरों में अब कुल 4680 पॉजिटिव, हालत थोड़ी बिगड़ी तो फिर मुसीबत

Total 4680 positive in different houses from hospitals, condition worsens, then trouble
अस्पतालों से अलग घरों में अब कुल 4680 पॉजिटिव, हालत थोड़ी बिगड़ी तो फिर मुसीबत
अस्पतालों से अलग घरों में अब कुल 4680 पॉजिटिव, हालत थोड़ी बिगड़ी तो फिर मुसीबत


डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना वायरस शहर में किस स्तर तक घरों में पहुँच गया है इसको इसी बात से समझा जा सकता है िक 25 अप्रैल की रात तक अस्पतालों से अलग 4680 ऐसे पीडि़त हैं जो होम आइसोलेशन में इस वायरस से जूझ रहे हैं। किसी क्षेत्र में सरकारी ऐप बताता है कि हर 500 मीटर के दायरे में 92 मरीज हैं तो एक किलोमीटर के दायरे में मरीज संख्या 188 के ऊपर है। इस तरह अलग-अलग क्षेत्रों में संक्रमण संख्या अलग-अलग है, लेकिन इसका दायरा यह तय है िक हर दिन बढ़ता जा रहा है।
घरों में अनेकों ऐसे मरीज हैं जो बेड खाली मिलने पर अस्पतालों में भर्ती हो सकते हैं, पर सरकारी व्यवस्थाओं से हारकर घर में ही इलाज करा रहे हैं। इन मरीजों में भी यदि किसी की साँस में ज्यादा तकलीफ हुई तो असल परेशानी पैदा होती है। यहाँ से वहाँ बिस्तर के लिए मरीज को लेकर घूमना पड़ता है और कई मौकों पर पेशेंट रास्ते में ही दम तोड़ देता है। रविवार को कोरोना के 807 मामले सामने आये तो 24 घण्टों के दौरान 907 लोगों को संक्रमण से मुक्त होने पर डिस्चार्ज िकया गया। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार रविवार के दिन 8 लोगों की जान इस वायरस ने ली। जब से कोरोना का संक्रमण फैला है तब से अब तक इस जानलेवा वायरस ने 33140 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। अब कोरोना के शहर में कुल एक्टिव केस 6663 हैं।
प्रोटोकॉल के तहत 77 अंतिम संस्कार -
इधर कोविड गाइडलाइन के तहत शहर के चिन्हित मुक्तिधामों में रविवार की शाम तक 77 अंतिम संस्कार प्रोटोकॉल के तहत िकये गये। नगर निगम और मोक्ष संस्था के द्वारा यह फ्यूनरल िकये गये। शाम तक घर में 2 और मौतों की सूचना थी जिनका अंतिम संस्कार रात तक प्रक्रिया पूरी न होने की वजह से नहीं िकया जा सका।
प्लाज्मा डोनेशन के लिए दिया सैंपल -
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 6 ऐसे डॉक्टर जो कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं उनका सैंपल प्लाज्मा डोनेशन से पहले लिया गया। एंटीबॉडी टेस्ट के लिए चिकित्सकों ने अपने रक्त का नमूना दिया। इनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। प्लाज्मा डोनेशन के लिए अभी केवल चिकित्सक ही रुचि दिखा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादा संक्रमण से ग्रसित पीडि़त को ही प्लाज्मा डोनेशन किया जाना चाहिए। 18 से अधिक उम्र के व्यक्ति के लिए यह सही माना गया है। प्लाज्मा डोनेट करने वाले को संक्रमण का एक माह गुजर चुका हो। पूर्ण स्वस्थ होने पर ही यह डोनेशन की प्रक्रिया आरंभ होती है।

Created On :   25 April 2021 10:38 PM IST

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