- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सिवनी
- /
- फार्म हाऊस में लहलहा रही फसलों को...
फार्म हाऊस में लहलहा रही फसलों को बता दिया ओलावृष्टि में बता दिया शत प्रतिशत नुकसानी
डिजिटल डेस्क, सिवनी ।कृषि विभाग के भोमा स्थित शासकीय जैविक कृषि प्रक्षेत्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां के अधिकारी ने जनवरी माह में हुई ओलावृष्टि से फार्म में लगी फसलों की शत प्रतिशत नुकसानी बता डाली जबकि वर्तमान में फसल लहलहा रही है। इस मामले को लेकर प्रक्षेत्र की निगरानी समिति के सदस्यों ने गड़बड़ी की शिकायत अफसरों से भी की है। उनके अनुसार प्रक्षेत्र अधिकारी ने नुकसानी की पूरी रिपोर्ट जबलपुर के संयुक्त संचालक को भी भेज दी है। इस मामले को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई की बात कही है। ज्ञात हो कि ४०.४१६ हेक्टेयर में यह कृषि फार्म बना हुआ है।
ये दी नुकसानी की रिपोर्ट
फसल बोवनी क्षति
गेहूं ६ हे. १००
चना १० हे. १००
सरसों २ हे. १००
अरहर ५ हे १००
कुल २३ हेक्टेयर
काटकर रख दी अरहर फसल
अरहर की फसल को शत प्रतिशत नुकसानी बताई गई है। जबकि प्रक्षेत्र के अफसरो ने अरहर की पक चुकी फसल को कटवाकर उसे बकायदा सरकारी परिसर में ही रख दिया। अब खेत में केवल कटी हुई फसल का शेष हिस्सा ही दिख रहा है। जबकि अरहर की फसल जनवरी माह के अंतिम समय में पक जाती है। अरहर की गाहनी का काम भी करने की तैयारी की जा रही है। फसल काटने की जानकारी न तो अधिकारियों को दी र्ग और न ही निगरानी समिति के सदस्यों को दी गई।
ये भी गड़बड़ी
प्रक्षेत्र प्रबंधन ने संयुक्त संचालक को लिखे पत्र में बताया कि इस वर्ष ११ जनवरी की शाम करीब चार बजे तेज हवा, बारिश के साथ आंवला के आकार के ओले गिरे थे। ओलावृष्टि से गेहूं, चना, सरसों और अरहर की खड़ी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। जबकि अरहर की फसल पक चुकी थी। निगरानी समिति के अनुसार गेहूं और चना की फसल जनवरी माह में पूरी तरह तैयार नहीं थी। ऐसे में कैसे नुकसानी हो सकती है।
सालों से हो रही गड़बड़ी
प्रक्षेत्र में सालों से जैविक खेती होते आ रही है। इसमें अधिकांश रकबे में फसल का उपयोग निजी उपयोग में किया जाता रहा है। जबकि प्रक्षेत्र का उपयोग सरकारी तौर पर करना है। किसानों को यहां पर लाकर जैविक खेती की और रूझान बढ़ाने के लिए काम होना है। न तो किसानों को यहां पर लाया जाता है और न ही उन्हें कोई जानकारी दी जाती है। फसल कितने हिससे में लगाई जाती है और उसका कितना लाभ होता है इसकी कोई जानकारी भी सार्वनिक नहीं की जाती है।
इनका कहना है
मामला मेरे संज्ञान में आया है। इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की टीम के साथ कृषि विभाग का अमला भी मौजूद रहकर जांच करेगा। इसके लिए दल बनाकर जांच करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट आने पर ही नियमानुसार कार्रवाई होगी।
Created On :   8 March 2022 4:58 PM IST