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शिकार खाने आयेगा बाघ, वन विभाग कर रहा इंतजार, लोगों में बना हुआ है खौफ
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बुटीबोरी में बाघ की मौजूदगी का प्रमाण मंगलवार को वन विभाग को मिल गया। बाघ ने खेत में बंधे एक मवेशी का शिकार किया है। हालांकि उसने इसे खाया नहीं है। बताया गया कि, बाघ रात के अंधेरे में शिकार को खाने के लिए वापस आ सकता है। ऐसे में वन विभाग ने शिकार के आस-पास 4 नये ट्रैप कैमरे लगा लिये हैं। ताकि बाघ की गतिविधियों को कैद किया जा सके। हालांकि इस परिसर में एक तेंदुआ रहने की आशंका भी है। ऐसे में शिकार कहीं तेंदुए तो नहीं किया इस सवाल का भी जवाब मिल जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस माह की 17 तारीख से मिहान परिसर में एक बाघ की मौजूदगी की चर्चा चल रही थी। वन विभाग द्वारा लगाये कैमरों में बाघ की फोटो भी कैद हो गई। जिससे बाघ की मौजूदगी का प्रमाण मिल गया था। शहर से ज्यादा दूूर घटनास्थल नहीं रहने से बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, ताकि बाघ द्वारा किसी को कोई नुकसान न हो। इसके लिए लगभग 35 कैमरे लगाये गये थे। हालांकि इसके बाद दोबारा बाघ की मौजूदगी कैमरों में नहीं दिखाई दी। लेकिन बाघ को आये दिन बुटीबोरी क्षेत्र के छोटे गांव में देखने की चर्चा होती रही है। सबसे पहले सुमठान में किसी ने बाघ को देखने की जानकारी वन विभाग को दी थी। जिसके बाद वन विभाग ने इस क्षेत्र में गश्त टीम लगाते हुए कैमरें लगाये थे। इसके बाद लगभग 48 घंटे बाघ की कोई गतिविधि नहीं पकड़ में आई थी।
वेणा नदी के आस-पास खेत में बाघ के पगमार्क जरूर देखने मिले। जानकारों के अनुसार बाघ अब बुटीबोरी क्षेत्र में नहीं होने का दावा किया गया लेकिन फिर एक बार बाघ ने अपनी उपस्थिति दिखाई। सोमवार की सुबह आरएफओ एन.वी. ठोकल वन कर्मचारी एच. त्रिपाठी के साथ गुमगांव के पास गश्त लगा रहे थे कि सुबह 7 बजे बाघ गुमगांव हिंगणा रोड़ पर एक किसाने के खेत में बैठा दिखाई दिया। बाघ काफी देर तक वहां बैठा रहा। इसके बाद बाघ खड़का शिवार की ओर गया। जहां दिनभर कई किसानों ने उसे देखा। नरेंन्द्र मेहुणे ने नर्सरी में व संजू मेहुणे ने बाघ को खेत में देखा है। नर्सरी की तरफ जाते हुए कवडू आष्टनकर के खेत में दोपहर 4.30 बजे देखा गया। वन विभाग के कैमरों में हालांकि बाघ कैद नहीं हो सका है। लेकिन बाघ जिस दिशा में गया है, उस दिशा में वन विभाग ने कई कैमरे लगाये हैं।
मंगलवार को भले ही बाघ कैमरों में कैद नहीं हुआ। लेकिन उसने खुद की यहीं मौजूदगी का एक और प्रमाण दिया। तोंडेपार नामक गांव में तड़के बाघ ने अरूण आष्टणकर के खेत में बंधे एक मवेशी पर हमला कर उसका शिकार कर लिया। हालांकि उसने शिकार खाया नहीं है। खेत में सुबह किसान के जाते ही मरी अवस्था में मवेशी को देखने पर तुरंत गांव में इसकी जानकारी देकर वन विभाग को सूचना दी गई। वन अधिकारी व कर्मचारी ने यहां पहुंचकर निरीक्षण किया तो शिकार बाघ ने ही करने की बात सामने आई। ऐसे में वन विभाग ने शिकार वही छोड़कर यहां कैमरे लगाये हैं। ताकि बाघ को कैमरों में कैप्चर किया जा सके। फिलहाल वन विभाग इंतजार कर रहा है। आसपास के गांव के लोगों को अलर्ट देकर उन्हें सचेत रहने की अपील भी की है।
तोंडेपार में बाघ ने सुबह ही एक मवेशी का शिकार किया है। शिकार तड़के किया लेकिन उसने इसे खाया नहीं है। ऐसे में वह शिकार को खाने के लिए वापसी करेगा। इस बातों को ध्यान में रखते हुए कैमरा ट्रैप लगाये हैं। -- ए.वी. ठोकड़, आरएफओ, वन विभाग नागपुर
Created On :   26 Nov 2019 2:15 PM IST