लकड़ी लाने जंगल गए युवक पर बाघ ने किया हमला, मौत

Tiger attacked a young man who went to the forest to bring wood, died
लकड़ी लाने जंगल गए युवक पर बाघ ने किया हमला, मौत
लकड़ी लाने जंगल गए युवक पर बाघ ने किया हमला, मौत



जीजा एवं दो अन्य साथियों के साथ दोपहर 2 बजे बहियाटिकुर से लगा  जंगल गया था युवक
डिजिटल डेस्क बालाघाट। बालाघाट जिले के लालबर्रा तहसील मुख्यालय से करीब 8 किमी दूर ग्राम बहियाटिकुर के जंगल मे जीजा एवं अन्य दो साथियों के साथ बुधवार की दोपहर में जंगल गए एक युवक पर बाघ ने हमला कर दिया। हमले में गंभीर रूप से घायल युवक कमलेश पिता राजेन्द्र लोहार 22 वर्ष की उपचार के दौरान लालबर्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मौत हो गई।
बहन के घर आया था युवक-
जानकारी के अनुसार परसवाड़ा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम चीनी निवासी युवक कमलेश लोहार जो कि वर्तमान में भीड़ी मे रहना कहा जा रहा है अपनी बहन-जीजा सुरेन्द्र बावने के घर बहियाटिकुर आया हुआ था। बुधवार को जीजा एवं दो अन्य युवकों विनोद मड़ावी बल्लापुर निवासी एवं छोटू नामक युवक के साथ वह दोपहर 2 बजे के दौरान साइकिल से जलाऊ लकड़ी लाने जंगल गए हुए थे। इस दौरान तीनो समीप ही खड़े थे जिन्हें उन्हें झाडिय़ों में बाघ नजर आया।
बाघ को देखते ही भागने पर किया हमला-
बाघ को देखते हुए कमलेश भागा तो झपटकर बाघ ने उस पर हमला कर दिया। हमले के दौरान जीजा सुरेन्द्र एवं अन्य दो साथी वहीं पर खड़े रहे तथा बाघ जंगल में चला गया। शोर मचाकर गंभीर रूप से घायल युवक को गांव लाया और परिजनों के सहयोग से तत्काल उपचार के लिए लालबर्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया लेकिन युवक की मौत हो गई।
मृतक का हुआ पीएम, परिजनो को दस हजार की तात्कालिक मदद-
लालबर्रा वन परिक्षेत्र अधिकारी नितीन पवार ने बताया कि बाघ के हमले से घायल की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मौत हो गई है। विभागीय तौर पर मृतक के परिजनों को तत्काल दस हजार रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है। नियमो के तहत वन्य प्राणी के हमले से मौत होने के बाद परिजनो के खाते में 4 लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। विभागीय तौर पर पंचनामा तैयार किया गया है। युवक के शव का पोस्टमार्डम उपरांत शव परिजनो को सौपा जाएगा।
बड़ी संख्या में है वन्य प्राणी-
इधर लालबर्रा से करीब 8 किमी दूर ग्राम बहियाटिकुर के जंगल में बड़ी संख्या में वन्यप्राणी होना कहा जा रहा है। लालबर्रा के सरपंच अनीश खान का कहना रहा कि भीषण गर्मी के मौजूदा इस दौर में जंगलों में बने पानी के पोखर पूरी तरह से सूख चुके है ऐसी स्थिति में प्यास से व्याकुल वन्यप्राणी गांव की ओर रूख करते है। ग्रामीणों को जंगल में नही जाना चाहिए, चूंकि विभागीय तौर पर एक आंकड़ो के मुताबिक बहियाटिकुर के जंगल में करीब 24 बाघ होने की पुष्टि की गई है।

Created On :   2 Jun 2021 10:43 PM IST

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