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थायराइड से गर्भधारण करने में हो सकती है बाधा, डॉक्टर से लें सलाह
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यदि कोई महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रही है तो इसे इनफर्लिटी (बांझपन) कहा जाता है। माखीजा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर, बिलासपुर की टेस्ट ट्यूब बेबी विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभा माखीजा के अनुसार एक महिला में बांझपन के कई कारण हो सकते हैं, उसमें थायराइड हार्मोन अनियमितता भी एक कारण हो सकता है। थायराइड होने पर सामान्यतः दिमाग में दो ही बातें आती हैं कि इस बीमारी से ग्रस्त आदमी या तो मोटा होता है या पतला, लेकिन थायराइड का संबंध इनफर्टिलिटी से भी होता है। इस बीमारी से ग्रसित होने की प्रवृत्ति महिलाओं में पुरुषों से चार गुना अधिक होती है। क्याेंकि थायराइड हार्मोन की अधिकता और कमी दोनों ही आपके गर्भधारण की प्रक्रिया में बाधा बन सकती है।
थायराइड एक ग्रंथि होती है, जो कंठनली के नीचे, गर्दन के पास स्थित होती है। यह ग्रंथि थायराइड हार्मोन नामक एक हार्मोन का उत्पादन करती है जो शरीर में उपापचय को नियंत्रित करता है। कभी–कभी थायराइड ग्रंथि सही ढंग से काम नहीं करती है और परिणामस्वरूप, थायराइड हार्मोन की उत्पादन की मात्रा कम या ज्यादा हो जाती है। महिलाओं के लिए ये स्थिति हाइपोथायरॉयडिज्म इनफर्टिलिटी का कारण बनता है, जिसके कारण महिलाअों के मासिक धर्म में अनियमित हो जाती है।
यदि आपके शरीर में थायराइड हार्मोन का कमी या अधिकता हो तो यह आपके मासिक धर्म चक्र में अनियमितता का कारण बन सकता है। यह आपकी अंडा बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है, जिसके कारण गर्भाधान प्रभावित हो सकता है और बांझपन का कारण बन सकता है। यदि कोई महिला गर्भधारण कर चुकी है और हाइपोथायरॉयडिज्म से ग्रसित है तो उसे गर्भपात भी हो सकता है। हाइपोथायरॉयडिज्म में वजन बढ़ना, थकान, कब्ज, मांसपेशियां और जोड़ों में दर्द, ठंडे मौसम को सहन न कर पाना, मासिक धर्म का अनियमित होना, नींद न आना, त्वचा का शुष्क हो जाना शामिल है।
ऐसे लक्षण दिखने पर आप सतर्क हो जायें और अपने डॉक्टर द्वारा लिखित हाइपोथायरॉयडिज्म की दवाई का नियमित रूप से सेवन करें, ताकि गर्भधारण के रास्ते में आपको कोई परेशानी न हो और आप स्वस्थ बच्चे को जन्म दें सकें।
Created On :   19 Feb 2020 4:47 PM IST