किसानों को बगैर ब्याज के तीन लाख का कर्ज, 50 साल पुराने पेड़ों का संरक्षण करेगी सरकार

Three lakh rupee of loan to farmers without interest, decision of the state cabinet
किसानों को बगैर ब्याज के तीन लाख का कर्ज, 50 साल पुराने पेड़ों का संरक्षण करेगी सरकार
किसानों को बगैर ब्याज के तीन लाख का कर्ज, 50 साल पुराने पेड़ों का संरक्षण करेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नियमित फसल कर्ज वापस करने वाले किसानों को अब तीन लाख रुपए तक का कर्ज शून्य ब्याज दर पर मिलेगा। अभी तक बिना ब्याज कर्ज की सुविधा एक लाख रुपए तक सीमित थी। इसके साथ ही एक लाख से तीन लाख तक का कर्ज लेने और उसे समय पर वापस करने वालों को मिलने वाली एक फीसदी ब्याज सहूलियत को बढ़ा कर दो फीसदी करने का फैसला लिया गया है। गुरुवार को हुए राज्य मंत्रिमंडल में इसे मंजूरी दी गई। इसके पहले उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार ने बजट सत्र में यह एलान किया था। इस फैसले से राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 3 फीसदी ब्याज दर छूट और केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली तीन फीसदी ब्याज दर रियायत के चलते किसानों तो बगैर ब्याज के फसल कर्ज मिल सकेगा। डॉ पंजाबराव देशमुख ब्याज रियायत योजना के तहत निर्धारित समय के भीतर अल्पावधि फसल ऋण चुकाने वाले किसानों को प्रोत्साहन के रूप में ब्याज रियायत दी जाती है। योजना के तहत निर्धारित समय के भीतर अल्पकालीन फसल ऋण चुकाने वाले किसानों को 1 लाख रुपये की ऋण सीमा तक 3 प्रतिशत ब्याज रियायत दी जाती है। निर्धारित समय के भीतर 1 से 3 लाख रुपए का तक का कर्ज अभी तक मिलने वाली 1 फीसदी की रियायत को बढा कर 2 प्रतिशतकरने का फैसला लिया गया है। 

50 साल पुराने पेड़ों का संरक्षण करेगी सरकार

प्रदेश के शहरी इलाकों में 50 साल अथवा उससे अधिक आयु के पेड़ों को हेरिटेज ट्री(प्राचीन वृक्ष) के रूप परिभाषित किया जाएगा। इन पेड़ों की पहचना हेरिटेज ट्री के रूप में होगी। राज्य मंत्रिमंडल ने शहरों इलाकों के 50 साल से अधिक आयु वाले पेड़ों को हेरिटेज ट्री के रूप में संबोधित करने और उसके संरक्षण व संवर्धन के फैसले को मंजूरी दी है। इसके लिए महाराष्ट्र (शहरी क्षेत्र) वृक्ष संरक्षण व संवर्धन अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। हेरिटेज ट्री परिकल्पना और उसके संरक्षण के लिए आश्यक कार्ययोजना लागू की जाएगी। इसके तहत वृक्षों की आयु, भरपाई वृक्षारोपण, वृक्ष संरक्षण के लिए विकल्प खोजने, वृक्ष उपकर और दंड वसलून समेत अन्य प्रावधान किया जाएगा। पेड़ों की कटाई किए जाने पर उस पेड़ की आयु की संख्या के जितने नए पौधे भरपाई वृक्षारोपण के रूप में लगाए जाएंगे। भरपाई वृक्षारोपण के लिए 6 से 8 फूट उंचे पौधों का इस्तेमाल करना होगा। प्रदेश के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि पांच साल अथवा उससे अधिक आयु के 200 से अधिक पेड़ों को काटने की जरूरत होने पर संबंधित प्रस्ताव को महाराष्ट्र राज्य वृक्ष प्राधिकरण के पास भेजना पड़ेगा। यदि राज्य वृक्ष प्राधिकरण पेड़ों को तोड़ने की सिफारिश करता है तब भी स्थानीय वृक्ष प्राधिकरण को राज्य वृक्ष प्राधिकरण से फैसले पर पुनर्विचार करने आग्रह करने की अनुमति होगी। इसके लिए वैधानिक राज्य वृक्ष प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार राज्य वृक्ष प्राधिकरण वृक्ष उपकर के इस्तेमाल के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा। दंड की राशि समय-समय पर अधिसूचित किए जाने के अनुसार वसूली जाएगी। यह राशि प्रति वृक्ष अधिक से अधिक 1 लाख रुपए तक हो सकती है। हर पांच साल में कम से कम एक बार नई तकनीकी के इस्तेमाल से वृक्षों की गणना की जाएगी। स्थानीय वृक्ष प्राधिकरण पौधारोपण के लिए जमीन सुनिश्चित करेगा। पौधारोपण के लिए मियावाकी वृक्षारोपण,अमृत वन, स्मृति वन, शहरी वन, वृक्ष पुनर्रोपणविधि का इस्तेमाल होगा। 

आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था को विकसित करने की मंजूरी

नाशिक के आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था को मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 8.99 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इस परियोजना पर केंद्र सरकार 70 प्रतिशत और राज्य सरकार 30 प्रतिशत राशि खर्च करेगी। विश्व बैंक की सहायता वाले स्ट्रीव परियोजना में मॉडल आईटीआई का समावेश किया गया है। स्ट्रीव परियोजना के तहत स्थापित व सोसाईटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत आईएमसी सोसाईटी इस योजना को लागू करेगी। आईएमसी को सभी सीटों में से 20 सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश देने का अधिकार होगा। मॉडल आईटीआई के जरिए स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुसार कौशल्ययुक्त मानव संस्थान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए मॉडल आईटीआई प्रशिक्षण कार्यक्रम, आधारभूत सुविधाओं की दृष्टि से दर्जाउन्नति करने, ग्रंथालय, वर्कशॉप, कम्प्यूटर लैब, नौकरी उपलब्ध कराने के लिए सेल स्थापित करके स्वतंत्र अधिकारी नियुक्ति करने समेत अन्य महत्वपूर्ण काम करेगी। मॉडल आईटीआई को औद्योगिक आस्थापना के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने वाली संस्था के रूप में विकसित किया जाएगा। 

 

Created On :   10 Jun 2021 8:46 PM IST

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