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भगवान बिरसा मुंडा के विचार आज भी प्रासंगिक - विधायक कोरोटे
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे आदिवासी नेता और लोकनायक थे जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती ही नहीं दी बल्कि उसे सांसत में डाल दिया। उन्होंने आदिवासियों को अपने मूल पारंपरिक आदिवासी धार्मिक व्यवस्था, संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत रखने की प्रेरणा दी। आज आदिवासी समाज का जो अस्तित्व एवं अस्मिता बची हुई है उसमें उन्हीं का योगदान है। बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य और स्वामी विवेकानंद थे और उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उक्ताशय के उद्गार विधायक सहेषराम कोरोटे ने व्यक्त किए। वे एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प कार्यालय देवरी में 15 नवंबर को आयोजित बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में बोल रहे थे। एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प कार्यालय देवरी में महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को माल्यार्पण कर आदिवासी समाज और आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को याद किया गया। इसके पश्चात विधायक द्वारा आदिवासी समाज के हित में कार्य करने वाले समाजसेवियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित हुए समाजसेवकों में प्रल्हाद भोयर, श्रावण राणा, शंकरलाल मडावी, नाजूक कुंभरे, ओमनलाल उईके, शिवप्रसाद मडकाम, वनीताताई खंडाते का समावेश है। इस समय आदिवासी विकास महामंडल नासिक के संचालक भरतसिंग दुधनाग, प्रकल्प अधिकारी विकास राचेलवार सहित बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे।
Created On :   16 Nov 2021 7:04 PM IST