फाइनल नुकसान की रिपोर्ट के बाद मुआवजे की होगी मांग, 28 दिसम्बर को हुई थी ओलावृष्टि

There will be demand for compensation after the final loss report
फाइनल नुकसान की रिपोर्ट के बाद मुआवजे की होगी मांग, 28 दिसम्बर को हुई थी ओलावृष्टि
पड़ताल फाइनल नुकसान की रिपोर्ट के बाद मुआवजे की होगी मांग, 28 दिसम्बर को हुई थी ओलावृष्टि

डिजिटल डेस्क, अकोला। जिले में पिछले 28 दिसम्बर को धुंआधार बारिश के साथ ओला वृष्टि हुई थी। इस अापदा में जिले के अकोला, मूर्तिजापुर, बालापुर, पातूर व बार्शिटाकली तहसील में खरीफ की खडी फसलें, गेहूं, चना, कपास, सब्जियां, तुअर व प्याज को भारी नुकसान हुआ था। इस नुकसान की प्राथमिक रिपोर्ट में उपरोक्त तहसीलों में कुल 25 हजार 950 हेक्टेयर में नुकसान होने की जानकारी जिला प्रशासन को प्राप्त हुई थी। भ्रमणध्वनी से सम्बन्धित तहसीलों के अधिकारियों से ली गई इस जानकारी के पश्चात अकोला,बार्शिटाकली, मूर्तिजापुर, बालापुर व पातूर इन तहसीलों में विभिन्न फसलों समेत फल सब्जियों को नुकसान होने का अनुमान लगाया गया था। जो 25 हजार 950 हेक्टेयर आंका गया था। प्राप्त रिपोर्ट को जिला प्रशासन ने प्राथमिक रूप से विभागीय आयुक्त कार्यालय भेजा हुआ है। लेकिन इस संदर्भ में फाइनल नुकसान का आंकड़ा फिलहाल जिला प्रशासन को तहसील स्तर से प्राप्त नहीं होने के कारण किसानों को उनके नुकसान के लिए मुआवजे की मांग नहीं की जा सकी। जानकारी मिली है कि जैसे ही ओला वृष्टि से हुए नुकसान की अंतिम रिपोर्ट मिलती है। शासन के पास मुआवजे के लिए राशि की मांग की जाएगी। 

कहां हुआ था नुकसान

अकोला तहसील में गेहूं, चना, कपास व तुअर का 12 हजार 545 हेक्टेयर में नुकसान, बार्शिटाकली तहसील में गेहूं, चना, कपास,प्याज व तुअर का 1 हजार 74 हेक्टेयर नुकसान, मूर्तिजापुर में 2600 हेक्टेयर गेहूं, चना, तुअर सब्जियां तथा तुअर का नुकसान दर्ज किया गया था। बालापुर तहसील में गेहूं, चना, कपास, प्याज, सब्जियां तथा तुअर का सबसे अधिक 9571 हेक्टेयर नुकसान पातूर तहसील में सबसे अधिक प्याज को नुकसान हुआ था जो 160 हेक्टेयर था। इस नुकसान की फाईनल रिपोर्ट नहीं मिली है। जिसके कारण फिलहाल मुआवजे की मांग नहीं हो सकी। 

Created On :   17 Jan 2022 3:00 PM IST

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