स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल : 44 आयुर्वेदिक सेवा केन्द्र , डॉक्टर सिर्फ 3

There are only 3 doctors in 44 Ayurvedic centers in Narsinghpur
स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल : 44 आयुर्वेदिक सेवा केन्द्र , डॉक्टर सिर्फ 3
स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल : 44 आयुर्वेदिक सेवा केन्द्र , डॉक्टर सिर्फ 3

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । लगातार महंगी हो रही चिकित्सा सेवा एवं एलोपैथिक  से इतर इलाज की चाह के चलते लोगों का रूझान आयुर्वेद की तरफ बढ़ रहा है, लेकिन जिले में शासकीय आयुर्वेदिक सेवा के बुरे हाल है। आलम यह है कि आयुर्वेद सेवा के जिले में वर्तमान में 44 केन्द्र है लेकिन डाक्टर मात्र तीन है। इससे इस पद्यति से इलाज की चाह रखने वाले मरीजों को न तो उचित परामर्श मिल रहा है और न ही उपचार ।
जिले में वर्तमान में आयुर्वेद सेवा के 44 एवं होम्योपैथी सेवा के 4 केन्द्र है। इनमें डाक्टरों की व्यवस्था न होने से ये औचित्यहीन बने हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवा के इन महत्वपूर्ण केन्द्रों के वर्तमान दशा का नुकसान ग्रामीणों को भोगना पड़ता है। स्वास्थ्य संबंधी सामान्य परेशानियों के लिए भी उन्हें शहर भागना पड़ता है।
यह है औषधायालयों की स्थिति
जिल में कुल 64 आयुर्वेदिक एवं 4 होम्योपेथिक चिकित्सा केन्द्र थे। इनमें से 20 आयुर्वेदिक सेवा केन्द्रों का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में विलय कर दिया गया है। इससे अब 44 आयुर्वेदिक एवं 4 होम्योपैथकि स्वास्थ्य सेवा केन्द्र बचे हैं।
नए आए चिकित्सक पीएससी में
वर्षो बाद जिले में 16 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पोस्टिंग हुई थी। इनमें से कुछ तो आए नहीं जो आए वे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सेवा दे रहे है। आयुष विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नई पोस्टिंग में से दो ने आमद नहीं दी। दो डाक्टर भोपाल स्तर से पीजी कोर्स के लिए चले गए। एक डाक्टर ने ज्वाइन तो किया लेकिन 3 वर्ष की एमडी डिग्री के लिए चले गए। शेष बचे 10 डाक्टर पीएससी में कार्यरत हैं।
कई औषधालय भवन विहीन
आयुर्वेद चिकित्सा सेवा में डाक्टरों की कमी तो सबसे बड़ी समस्या है ही इसके अलावा कई ऐसे औषधालय है जिनका कोई भवन ही नहीं है। सूत्रों के अनुसार 18 ऐसे केद्र है जो लगभग एक दशक से बंद पड़े हैं। बिना भवन के औषधालय स्थानीय स्तर पर की जा रही जगहों में चल रहे हैं।

 

Created On :   29 Sept 2017 1:06 PM IST

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