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ग्रामीणों ने पकड़ा था एक करोड़ रू. की फिरौती मांगने वाले आरोपियों को - पुलिस थपथपा रही अपनी पीठ
प्रॉपर्टी डीलर के बेटे के अपहरण में उनके ही ड्राइवर , नौकर ने रची थी साजिश, 5 आरोपियों में से दो को ग्रामीणों ने धर दबोचा
पुलिस ने प्लानिंग से बैग में नकली आभूषण, नोट और सीपीसी की किताब रखकर बढ़ाया वजन, इसके बाद बच्चे को सकुशल छुड़ाया
डिजिटल डेस्क छतरपुर । मासूम बालक अभिग्न तिवारी को अपहरणकर्ताओं से सकुशल मुक्त करा लिया गया, जो एक सुखद बात है, लेकिन इस अपहरण की कहानी में कई बातें सामने आ रही हैं। पुलिस जहां दावा कर रही है कि बच्चे के अपहरण में शामिल 5 आरोपियों को उसने गिरफ्तार किया है। वहीं खोंप, निवारी गांव के लोगों का कहना है कि अपहरण में शामिल दो आरोपियों को उनके घरों से पकड़कर उन्होंने पुलिस के हवाले किया है। स्थानीय सरपंच प्रतिनिधि माधव मिश्रा की अपहरणकर्ताओं को पकडऩे में महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। माधव मिश्रा ने भास्कर से बात करते हुए बताया कि अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बच्चे को बुधवार की रात लगभग 10.30 बजे ही मुक्त करा लिया गया था। उनका कहना है कि फिरौती की राशि दिए जाने के बाद अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को रात में छोड़ दिया था।
पुलिस का दावा-सुबह 4 बजे मिला बच्चा
वहीं पुलिस ने ग्रामीणों की बात को इंकार करते हुए बताया कि अपहरणकर्ताओं से बच्चे को गुरुवार की सुबह चार बजे निवारी गांव की पहाडिय़ों से मुक्त कराया गया है। बताया जा रहा है कि बच्चे को अपहरणकर्ता रात भर अपने साथ ही रखे थे और वे पुलिस से बचने के लिए बार-बार जगह बदल रहे थे। इसी वजह से पुलिस को समय लगा।
कार की लाइट ने दिया धोखा, नहीं जली 40 सेकंड, इसलिए प्लान फेल हुआ
बुधवार को पहली काल पर आरोपियों ने एक करोड़ देने का पूरा प्लान बताया था। पुलिस ने जब अपहरणकर्ताओं के बताए स्थान पर बच्चे को लेने के लिए बुधवार की रात 9.00 बजे परिजनों को भेजा तो पूर्व में अपहरणकर्ताओं की बात के मुताबिक बच्चे के चाचा बैग लेकर कार से मौके पर पहुंचे। तय बात पर कार से एक व्यक्ति की निर्धारित स्थान पर पहुंचा। यह भी तय हुआ था कि कार जब पहुंचेगी तो 40 सेकंड तक कार के सामने की लाइट बंद नहीं की जाएगी, कार जब तय स्थान पर पहुंची, तभी अचानक कार की लाइट बंद हो गई, जिससे अपहरणकर्ता भागने में कामयाब हो गए। चंूकि पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पकडऩेे के लिए जाल पहले से बिछा रखा था और 30 से अधिक पुलिसकर्मी तय स्थान पर पहले से ही छिपे थे, लेकिन कार की लाइट बंद होने से व अमावस्या होने से घना अंधेरा था। जिससे पुलिस अपनी चाल में कामयाब नहीं हो सकी। वरना रात 9-10 बजे ही पूरे मामले का पटाक्षेप हो जाता।
दो सौ पुलिसकर्मी कर रहे थे काम
बच्चे के अपहरण के मामले में डीआईजी विवेक राज सिंह, एसपी सचिन शर्मा लीड कर रहे थे, बच्चे व अपहरणकर्ताओं की तलाश में पुलिस की 70 टीमें, जिसमें दो सौ से अधिक पुलिस अधिकारी और जवान रात भर अलग-अलग जगहों पर सर्च करने में लगे रहे। सफलता न मिलते देख एसपी खुद खौंप, निवारी गांव पहुंचे और सर्च करने के लिए बाइक का सहारा लिया। 20 से अधिक बाइक एकत्र की गईं, जिसमें एसपी व अन्य पुलिसकर्मी सवार होकर आरोपियों तक पहुंचने में सफल हुए।
नशे में बार-बार गुमराह कर रहे थे नीरज और जगन
बच्चे के अपहरण के कुछ समय बाद ही पुलिस ने जगन व नीरज को हिरासत में ले लिया था, लेकिन दोनों ने इतना अधिक नशा कर रखा था कि वे बार-बार बयान बदल रहे थे, कभी वे खुद को निर्दोष बताते तो कभी कहते कि बच्चे को उन्होंने किडनैप कराया है और यूपी भेज दिया है। दोनों आरोपियों के बयान से पुलिस परेशान होती रही। हालांकि बाद में अपहरण मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी नीरज राय उम्र 19 साल निवासी छतरपुर, महेंद्र सेन उर्फ जगत उम्र 19 साल निवासी चौबे कॉलोनी, किशन लाल उम्र 22 साल निवासी निवारी, रामकृष्ण उर्फ हल्कू उम्र 22 साल निवासी मोरबा, संजीव पटेल उम्र 22 साल निवासी खबरी को गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह, अरविंद सिंह दांगी, एसआई बृजेंद्र चाचोदिया, दीपक यादव, प्रमोद रोहित भुवनेश शर्मा, प्रधान आरक्षक सतीश त्रिपाठी, हरिश्चंद्र आरक्षक दिनेश, बसंत आदि शामिल रहे।
Created On :   21 Aug 2020 3:39 PM IST