ऑक्सीजन की फिर किल्लत, दोपहर तक सिलेंडर नहीं पहुँचे तो छटपटाने लगे पेशेंट

The shortage of oxygen again, until the cylinder did not reach the afternoon, the patient began to splash
ऑक्सीजन की फिर किल्लत, दोपहर तक सिलेंडर नहीं पहुँचे तो छटपटाने लगे पेशेंट
ऑक्सीजन की फिर किल्लत, दोपहर तक सिलेंडर नहीं पहुँचे तो छटपटाने लगे पेशेंट



डिजिटल डेस्क जबलपुर। ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर प्रशासन के दावे भले ही कुछ हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही तस्वीर बयाँ कर रही है। बुधवार को एक बार फिर विकराल स्थिति उस वक्त बनी जब एक प्लांट से होने वाली सप्लाई थम गई। कई अस्पतालों में जब सुबह 10 बजे तक सिलेंडर नहीं पहुँचे तो प्रेशर कम होने से मरीज छटपटाने लगे। अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल अपने कर्मचारी प्लांट के लिए दौड़ाए। पीछे-पीछे मरीजों के कुछ परिजन भी सिलेंडर की जुगत लगाने सीधे प्लांट में ही पहुँच गए।
ऑक्सीजन की आपूर्ति होते-होते शाम के 5 बजे गए। कुल मिलाकर पूरे दिन ऑक्सीजन को लेकर अफरा-तफरी मची रही। जानकारों का कहना है कि मुख्यत: तीन फर्मों के जरिए जबलपुर और समीपी जिलों में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। इसमें से आदित्य फर्म की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई और इससे जुड़े अस्पतालों में इसका खासा असर दिखाई पड़ा।
टैंकर पहुँचा ही नहीं-
जानकारों का कहना है कि सबसे ज्यादा 1500 सिलेंडरों की आपूर्ति आदित्य फर्म के पास है। सूत्रों का कहना है कि प्लांट में पहुँचने वाला टैंकर किन्हीं कारणों से बीच रास्ते में ही फँसा रह गया। लिहाजा, प्लांट में न तो री-फिलिंग हो पाई और न ही डिस्ट्रीब्यूशन। यही वजह है कि अस्पतालों के कर्मचारी सीधे प्लांट पहुँच गए।
3500 की डिमांड, इतनी ही सप्लाई-
शहर में अभी तीनों ऑक्सीजन प्लांट के पास 35 सौ के लगभग सिलेंडर हैं, जबकि शहर के अस्पतालों में भी बेड कैपेसिटी के अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। जानकारों का कहना है कि डिमांड और सप्लाई तकरीबन बराबर चल रही है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात बिगड़ते हैं तो और ज्यादा मारामारी मच सकती है।
900 का ऑर्डर-
प्रशासन का दावा है कि गुजरात के अहमदाबाद से 9 सौ सिलेंडर खरीदने का ऑर्डर दिया गया है। दो से तीन दिन में ये सिलेंडर मिलने की उम्मीद है। ऑक्सीजन के साथ-साथ सिलेंडरों की कमी भी मरीजों की मुसीबत को बढ़ाने का काम कर रही है। नोडल अधिकारी तथा एसडीएम अनुराग तिवारी कहते हैं कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और लगातार आपूर्ति की जा रही है और जो भी समस्याएँ आतीं हैं उनका तत्काल निदान हो जाता है।पी-4
पर-डे का प्रोड्क्शन-
आदित्य में दो प्लांट - 1500 सिलेंडर से 17 सौ तक
जैनिम प्लांट - 1000 सिलेंडर से 12 सौ तक
संजीवनी प्लांट- 500 से 700 सिलेंडर तक
नोट- मेडिकल अस्पताल में कैप्सूल बना है जिसमें ऑक्सीजन स्टॉक होती है। इसी तरह जिला अस्पताल व कुछ निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन सेपरेशन यूनिट लगी हैं।

Created On :   21 April 2021 9:37 PM IST

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