डिंडौरी में खाली पड़े है जलाशय, पीने का पानी के लिए बढ़ी चिंता

The reservoir is empty, increased concern for drinking water
डिंडौरी में खाली पड़े है जलाशय, पीने का पानी के लिए बढ़ी चिंता
डिंडौरी में खाली पड़े है जलाशय, पीने का पानी के लिए बढ़ी चिंता

डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। रबी सीजन में किसानों को पानी देने के लिए 15 नवम्बर के बाद से व्यवस्थाएं की जाना है वही लोगों के पीने के लिए भी पर्याप्त जल मुहैया हो सके इसकी व्यवस्था भी सिचाई विभाग को करना है इसके लिए ईएनसी के द्वारा निर्देश जारी किए गए है। जिसे लेकर संभाग स्तरीय बैठकें 5 अक्टूबर तक की जाना है। जिसके तहत जिले की संभाग स्तरीय बैठक 4 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। बताया जाता है कि जिले के 97 जलाशयों में पानी का स्तर सिर्फ एक जलाशय को छोड़कर सभी में काफी कम है और जहां जलाशयों में 104 एमसीएम पानी की व्यवस्था होना चाहिए उसकी एवज में सिर्फ 55 एमसीएम पानी जलाशयों में भरा जा सका है। ऐसी स्थिति में 50 प्रतिशत जल भराव और आगामी योजनाओं के मद्देनजर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर अधिकारिक स्तर पर मंत्रणा जारी है। बताया जाता है कि जिले में लगभग दो लाख हेक्टेयर जमीन पर खेती की जा सकती है, लेकिन सिंचित भूमि का प्रतिशत यहां पर सिर्फ 12 है जहां छोटी परियोजनाओं के माध्यम से पानी की पूर्ति की जाती है। जिसमें सिर्फ एक परियोजना बिलगांव की है वह मध्यम परियोजना में समाहित है और यहां पर 74 ग्रामों में सिचाई की जा सकती है। यहां सभी परियोजनाओं के तहत टेल तक पानी दिए जाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे है उसमें वर्तमान जल भराव की स्थितियों को भी ध्यान में रखा जा रहा है। ऐसे हालात में अंतिम दौर में सिचाई कार्य प्रभावित हो सकता है। जिसकी भी संभावना बनी है। वहीं अगर बेमौसमी व मावठे की बारिश होती है तो जलाशयों के साथ-साथ खेतों में नमी का लाभ भी किसानों को मिलेगा। इन सब स्थितियों पर भी चर्चा होगी।
बनेगी सात नई मध्यम परियोजनाएं
जिले में सिंचित रकबे में वृद्धि किए जाने के लिए सात नवीन परियोजनाओं पर विचार विमर्श चल रहा है और इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने पर शासन द्वारा निर्धारित 37 फीसदी सिंचित रकबे को पानी मिल सकेगा। जिससे जिले में पैदावार भी बढ़ेगी और किसानों को लाभ मिलेगा।

 

Created On :   3 Oct 2017 12:52 PM IST

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